Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

सुधा अरोड़ा को प्रियदर्शिनी साहित्य सम्मान

उपन्यास ‘यहीं कहीं था घर’ के लिए मिला सम्मान

Advertiesment
हमें फॉलो करें सुधा अरोड़ा को प्रियदर्शिनी साहित्य सम्मान
PR
प्रियदर्शिनी अकादमी के 27 वें वार्षिक समारोह में चार भाषाओं के चार वरिष्ठ साहित्यकारों को प्रियदर्शिनी साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया। इन्डियन मर्चेन्ट्स चेंबर के वालचंद हीराचंद हॉल में 14 फरवरी 2011 को साहित्य सम्मान के भव्य आयोजन में श्रीमती सुधा अरोड़ा, श्री राजन खान, डा.यशवंत त्रिवेदी तथा श्री वासुदेव मोही को क्रमश: हिन्दी, मराठी,गुजराती एवं सिंधी भाषा में प्रियदर्शिनी साहित्य अकादमी से सम्मानित किया गया। अकादमी द्वारा प्रत्येक को पच्चीस हजार रूपए की राशि और प्रतीक चिन्ह प्रदान किया गया।

हिन्दी साहित्य के लिए यह पुरस्कार प्रतिष्ठित रचनाकार और सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती सुधा अरोड़ा को 2010 में प्रकाशित उनके उपन्यास ‘यहीं कहीं था घर’ के लिए दिया गया। पिछले वर्ष यह पुरस्कार प्रख्यात फिल्मकार वेद राही को कश्मीरी भक्त कवयित्री पर आधारित उनके उपन्यास के लिए दिया गया था।

वरिष्ठ पत्रकार विश्वनाथ सचदेव ने संस्था की स्थापना और इसके सामाजिक कार्यों का संक्षिप्त इतिहास तथा लेखिका सुधा अरोड़ा के सक्रिय और सार्थक साहित्यिक योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पिछले 45 वर्षों से सुधा जी साहित्यिक गतिविधियों में संलग्न हैं। उनकी पहली कहानी 1965 में ज्ञानोदय में प्रकाशित हुई थी, तब से वे लगातार सामाजिक सरोकारों के तहत लिख रही हैं और महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने की उनकी कोशिश अनवरत जारी है।

सुधा अरोड़ा ने अपने संक्षिप्त वक्तव्य में आज की भ्रष्ट राजनीति, अपसंस्कृति और मूल्यहीनता के समय में रचनाकार के बढ़ते दायित्व को और महिला रचनाकारों की दोहरी जिम्मेदारी को रेखांकित किया।

समारोह के मुख्य अतिथि महाराष्ट्र राज्य सभा के माननीय स्पीकर श्री दिलीप पाटिल और विशिष्ट अतिथि मुम्बई की शेरिफ डॉ.इंदु शाहनी थीं। डॉ. शाहनी ने युवा वर्ग को ‘बेहतर भारत’ की परिकल्पना में अमीर और गरीब के बीच की गहरी खाई को पाटने हेतु प्रेरित किया।

महाराष्ट्र राज्य सभा के स्पीकर श्री दिलीप पाटिल ने उन बच्चों की मदद पर जोर दिया, जो अपनी आर्थिक मजबूरी के तहत स्कूल छोड़ देते हैं। अकादमी की ओर से 200 से अधिक छात्रों को दस हजार रुपए की छात्रवृत्ति दी गई।

श्री नानिक रूपानी, चेयरमैन, प्रियदर्शिनी अकादमी ने, अतिथियों का स्वागत व जरुरतमंद छात्रों के लिए आर्थिक सहयोग देने वाले व्यक्तियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi