क़दम-क़दम बढ़ाए जा
क़दम-क़दम बढ़ाए जा
खुशी के गीत गाए जा
यह जिंदगी है कौम की
तू कौम पे लुटाए जा।
तू शेरे हिन्द आगे बढ़
मरने से फिर भी तू न डर
उड़ा के दुश्मनों का सर
जोशे-वतन बढ़ाए जा।
क़दम-क़दम...
तेरी हिम्मत बढ़ती रहे
खुदा तेरी सुनता रहे
जो सामने तेरे अड़े
तो खाक में मिलाए जा।
क़दम-क़दम...
चलो देहली पुकार के
क़ौमी निशाँ सँभाल के
लाल किले पे गाड़ के
लहराए जा, लहराए जा।
क़दम-क़दम...
- गीत एवं संगीत रामसिंह ठाकुर
हम भारत की बेटी हैं
हम भारत की बेटी हैं, अब उठा चुकीं तलवार
हम मरने से नहीं डरतीं, नहीं पीछे पाँव को धरतीं
आगे ही आगे बढ़तीं, कस कमर हुईं तैयार
हम भारत की बेटी...
हम नए नहीं हैं लड़ाके, देखो इतिहास उठा के
हम छत्राणी भारत की, दिखला देंगी निज वारहम भारत की बेटी...
जब कर कृपाण उठातीं, फिर काल रूप बन जातीं
सदियों से प्यास बुझातीं थर्रा देतीं संसार
हम भारत की बेटी...
जब तक बाँहों में बल है, धमनियों में रक्त प्रबल है
दिल में नहीं पल भर कल है, बिना किए देश उद्धार
हम भारत की बेटी...
- गीत - बलदेवसिंह, संगीत - रामसिंह ठाकुर
हे वीर बालकों
हे वीर बालकों जाति लेई सुधार
आँधी बढ़ो हिम्मत बढ़ी लेई सिंगार
मौका हेईरी लाभ उठाई देश का करूँ उद्धार
अब ही होगा हमरो देश का उद्धार
हे वीर बालकों।
अब ही हिम्मत ना हार
हे वीर बालकों...
सब ही मिल-जुलकर जय हिन्द पुकार
नेताजी जस ताको नाम पाने तरार
ओ ही हो नाम आचार देश को कल्यान
हे वीर बालक।
- गोरखाली, गीत एवं संगीत - रामसिंह ठाकुर
उठो सोए भारत के नसीबों को जगा दो
उठो सोए भारत के नसीबों को जगा दो
आजा़दी यूँ लेते हैं जवाँ, ले के दिखा दो
खूँखार बनो शेर मेरे हिन्दी सिपाही
दुश्मन की सफ़े तोड़ दो एक तहलका मचा दो।
आ हिन्द के बदल में उदू चीज़ ही क्या है
ग़र रास्ते में हो भाई, उसे मार गिरा दो।
मीनारे-कुतुब देखता है राह तुम्हारी,चल,
उसकी बुलन्दी को तिरंगे से सजा दो।
कर याद शहीदों का लहू देश की खातिर
एक-दो भी दुश्मन को हजा़रों से लड़ा दो।
क्यों लाल किला यूँ रहे दुश्मन के हवाले
हर लश्करे-हिन्दी की वहाँ धूम मचा दो।
हो भूख, हो तकलीफ़, रुकावट हो थकावट
वहाँ जख्म गिरा मौत को भी हँस के दिखा दो।
और कोई ख्वाहिश है न तमन्ना मेरे दिल में,
आजाद वतन हिन्द में जय हिन्द बुला दो।
गीत - जी.एस. ढिल्लों, संगीत - रामसिंह ठाकुर
सुभाष जी
सुभाष जी
सुभाष जी
वह जाने हिन्द आ गए
है नाज़ जिस पे हिन्द को
वह जाने हिन्द आ गए
सुभाष जी
सुभाष जी
सुभाष जाने - हिन्द है।
सुभाष माने हिन्द है
सुभाष आने हिन्द है
सुभाष शाने हिन्द है
सुभाष जी सुभाष जी...
कली-कली-कली-कली
अन्दलोब वह चली
गली-गली-गली-गली
वह आम हलक जा रहे
सुभाष जी सुभाष जी...
वह आने हिन्द लाएँगे
वह शाने हिन्द लाएँगे
फिरंगियों की कौ़म पर
वह क़हर बन के छाएँगें
सुभाष जी सुभाष जी
खुशी का दौर आ गया
निशात बन के छा गया
वह एशिया का आफ़ताब
एशिया में आ गया
सुभाष जी
सुभाष जी...
- गीतकार - मुमताज़ हुसैन, संगीतकार - रामसिंह ठाकुर
आजा़द हिन्द सेना ने जब
आजा़द हिन्द सेना ने जब
नेता जी का पैगाम लिया
जय हिन्द का नारा गूँज उठा
हाथों में तिरंगा थाम लिया।
भूखे भी लड़े प्यासे भी लड़े
और मौत से फिर भी हम न डरे
आगे ही आगे बढ़ते रहे
हटने का न पीछे नाम न लिया
जय हिन्द का नारा...
हिन्दी आजादी जान गए
भाई को भाई पहचान गए
वतन की खातिर मरने को
जब हमने खुदा का नाम लिया
जय हिन्द का नारा...
वह लाख हमारे दुश्मन हैं
पर इसकी हमें परवाह नहीं
नेताजी के सहारे से
आजादी का दामन थाम
नेता जी के मयखाने से
आजा़दी का हमने जाम लिया
जय हिन्द का नारा...
- गीत व संगीत - रामसिंह ठाकुर
हम देहली-देहली जाएँगे
हम देहली-देहली जाएँगे
हम अपना हिंद बनाएँगे
अब फौ़जी बनके रहना है
दु:ख-दर्द, मुसीबत सहना है
सुभाष का कहना-कहना है
चलो देहली चलके रहना है
हम देहली-देहली...
हम गोली खा के झूमेंगे
हम मौत को बढ़कर चूमेंगे
मतवाले बन आजा़दी के
हम दरिया जंगल घूमेंगे
हम देहली-देहली...
सुभाष हमारा साथ ही है
और रासबिहारी साथ है
फिर कैसा ख़तरा बाकी है
खु़दा हमारा साथी है
हम देहली-देहली...
हम फौजी बन के आएँगे
हम देहली तक बचाएँगे
ज़ालिम फिरंगी क़ौम का
हम नामो-निशाँ मिटाएँगे
हम देहली-देहली...-
गीतकार: मुमताज़ हुसैन, संगीत : रामसिंह ठाकुर
सब सुख-चैन की बरखा बरसे
सब सुख-चैन की बरखा बरसे
भारत भाग्य है जागा
पंजाब सिंध गुजरात मराठा
द्राविड़ उत्कल बंग
चंचल सागर विन्ध्य हिमालय
नीला यमुना गंगा
तेरे नित गुण गाएँ
तुझ से जीवन पाएँ
सब तन पाएँ आशा
सूरज बनकर जग पर चमके
भारत नाम सुभागा
जय हो- जय हो- जय हो,
भारत नाम सुभागा।
सबके दिल में प्रीत बसाए
तेरी मीठी वाणी
हर सूबे रहने वाले
हर मज़हब के प्राणी
सब भेद और फ़र्क मिटा के
सब गोद तेरी आ के
गूँथें प्रेम की माला
सूरज बन के जग पर
चमके भारत नाम तुम्हारा
जय हो- जय हो- जय हो,
जय जय जय हो
भारत नाम सुभागा।
सुबह-सबेरे पंख पखेरू
तेरे ही गुण गाएँ बास भरी भरपूर हवाएँ
जीवन में ऋतु लाएँ
सब मिलकर हिन्द पुकारे
जय आज़ाद हिन्द के नारे
प्यारा देश हमारा
सूरज बन के जग पर
चमके भारत नाम तुम्हारा
जय हो- जय हो- जय हो,
जय जय जय हो
भारत नाम सुभागा।
- गीत - आबिद हुसैन