Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(नवमी तिथि)
  • तिथि- वैशाख कृष्ण नवमी
  • शुभ समय- 6:00 से 7:30, 12:20 से 3:30, 5:00 से 6:30 तक
  • व्रत/मुहूर्त-पंचक प्रारंभ दिन 11.26 से
  • राहुकाल-दोप. 1:30 से 3:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

सदी के पहले कुंभ के दुर्लभ संयोग

पुण्य स्नान का योग

हमें फॉलो करें सदी के पहले कुंभ के दुर्लभ संयोग
- महेश पाण्डे

ND
वर्ष 2010 का सदी का पहला यह महाकुंभ अपने इस दुर्लभ संयोग के लिए भी जाना जाएगा। 14 अप्रैल को अमावस्या पर मुख्य शाही स्नान सर्वार्थ सिद्धि योग में पड़ा। कहते हैं कि इस अवसर पर गंगा स्नान से ब्रह्म हत्या तथा बंधु-बाँधवों के वध जैसे भयानक पाप से भी मुक्ति संभव है। इससे पहले भी 15 मार्च को कुंभ के दूसरे शाही स्नान के अवसर पर सोमवार के दिन ही सोमवती अमावस्या पड़ने से भी अनूठा संयोग बना।

बताया गया कि यह संयोग 760 साल बाद बना था। फिर 30 मार्च को तीसरे शाही स्नान के दिन भी हनुमान जयंती, मंगलवार और भगवान राम का जन्ममास और पूर्णिमा का संयोग बना। यह संयोग भी पाँच सौ वर्ष के पहले बना था। वहीं शिवरात्रि के दिन पहले शाही स्नान का संयोग भी कई सौ साल बाद बना था। इन दुर्लभ संयोगों सहित इस महाकुंभ में एक और दुर्लभ संयोग यह भी जुड़ गया कि चारों धामों के देवी-देवताओं ने भी इस कुंभ में स्नान किया।

अप्रैल माह की 16 तारीख को हुए इस स्नान में उत्तराखंड के ग्रामवासियों ने खूब जमकर शिरकत की। देव-डोलियों का कुंभ स्नान हुआ जिसमें देवभूमि उत्तराखंड के हर गाँव के देवी-देवताओं को ग्रामीण डोलियों में लेकर कुंभ स्नान के लिए लिवा लाए। इससे पहले दक्षिण भारत से तिरुपति बालाजी भगवान भी महाकुंभ में स्नान के लिए लाए गए।

webdunia
SUNDAY MAGAZINE
इस महाकुंभ को वीआईपी एवं फिल्म अभिनेताओं व अन्य तमाम फनकारों व कलाकारों की प्रतिभागिता के लिए भी याद किया जाएगा । इसके अलावा तमाम महत्वाकांक्षी उद्योगपति एवं व्यापारी भी कुंभ क्षेत्र में आए और स्नान किया। उनका अपने-अपने हेलीकॉप्टरों से महाकुंभ में स्नान के लिए आना लोगों के लिए कौतूहल पैदा कर गया।

अंतिम शाही स्नान पर देशभर से जुटे श्रद्धालुओं की असीम भीड़ के अलावा मेष संक्रांति के शाही स्नान पर भी संतों और भक्तों का जो रेला गंगा तट पर लगा वह भी इससे पहले कभी न देखा गया था। हरिद्वार में सड़कों पर उमड़ा आस्था का सैलाब कुंभ मेले की व्यवस्थाओं पर भारी पड़ने लगा। व्यवस्था के सारे सरकारी दावे स्नान से पहले ही हवा होते दिखे। सरकार के आँकड़े बता रहे थे कि शाही स्नान पर डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया लेकिन ऐसा लग रहा था कि संख्या इससे अधिक रही।

जनसैलाब का कोई ओर छोर नजर नहीं आ रहा था। अति विशिष्ट अतिथियों ने भी व्यवस्था को खूब धता बताया। प्रशासन ने अतिविशिष्ट लोगों से जो अपील की थी वह भी बेकार साबित हुई। मेला प्रशासन ने विशिष्ट लोगों से अपील की थी कि वह कुंभ के मुख्य स्नानों पर कुंभ नगरी न आएँ लेकिन इसके बावजूद शाही स्नान से पूर्व गोवा के मुख्यमंत्री दिगंबर कामत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल, आरएसएस मुखिया मोहन भागवत, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी, संसद में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, कई सांसद, विधायक एवं अधिकारियों का हरिद्वार आगमन मेला प्रशासन की मुश्किलों को बढ़ाता रहा।

कई फिल्म अभिनेता व अभिनेत्रियों समेत अनेक फनकार-कलाकार भी कुंभ में उमड़ पड़े। प्रिटी जिंटा तो अपनी टीम किंग्स इलेवन पंजाब के लिए जीत की कामना के साथ महाकुंभ मेले में पधारी और तांत्रिक चंद्रास्वामी से तंत्र अनुष्ठान और रुद्राभिषेक करवाया। हालाँकि संयोग ऐसा रहा कि वह अभी लौटी भी नहीं थीं कि उनकी टीम ने जीतना शुरू कर दिया। अपनी माँ के साथ विशेष हेलीकॉप्टर से कुंभ मेले में उनका आना उनकी टीम के लिए शुभ साबित हुआ। अभिनेता चंद्रचूड़ भी स्नान के बाद संतों एवं गंगा मैया से दुआ माँगते दिखे।

इस कुंभ के मुख्य शाही स्नान के अवसर पर सूर्य नारायण का मेष राशि में प्रवेश करना, गुरु का कुंभस्थ और सूर्य का मेषस्थ होना मेले को खास बना गया। मेष संक्रांति का यह पुण्य काल 14 अप्रैल दोपहर 1.20 तक माना गया। अमावस्या होने के कारण शुभ कामों के साथ ही इस दिन पितृ कार्य करने वालों की भीड़ भी कुंभ नगरी में रही। बुधवार, 14 अप्रैल को रेवती नक्षत्र होने और मेष राशि के चंद्रमा के साथ होने के कारण भी खास योग बना। 14 अप्रैल को गुरु के कुंभस्थ एवं सूर्य के मेषस्थ होने का यह योग आगे एक और माह तक बना रहेगा। जाहिर है अगली संक्रांति 14 मई को कुंभ में पुण्य स्नान का योग बना रहेगा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi