Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(पंचमी तिथि)
  • तिथि- मार्गशीर्ष कृष्ण पंचमी
  • शुभ समय- 6:00 से 9:11, 5:00 से 6:30 तक
  • व्रत/मुहूर्त-दीक्षा दिवस, पुष्य नक्षत्र (शाम 06.53 से)
  • राहुकाल- दोप. 12:00 से 1:30 बजे तक
webdunia
Advertiesment

जहाँ शांति है वही सुख...!

शांति और सुख का गहरा नाता

हमें फॉलो करें जहाँ शांति है वही सुख...!
- राजयोगिनी दादी जानकी
ND

यदि हमारे पास दुनिया का पूरा वैभव और सुख-साधन उपलब्ध है परंतु शांति नहीं है तो हम भी आम आदमी की तरह ही हैं। संसार में मनुष्यों द्वारा जितने भी कार्य अथवा उद्यम किए जा रहे हैं सबका एक ही उद्देश्य है 'शांति'। सबसे पहले तो हमें ये जान लेना चाहिए कि शांति क्या है? शांति का केवल अर्थ यह नहीं कि केवल मुख से चुप रहें अपितु मन का चुप रहना ही सच्ची सुख-शांति का आधार है। कहते हैं कि जहाँ शांति है वहाँ सुख है। अर्थात सुख का शांति से गहरा नाता है।

लड़ाई, दुख और लालच को भंग करने के लिए शांति सशक्त औजार है। कई लोग कहते हैं कि बिना इसके शांति नहीं हो सकती। इसके साथ ही भौतिक सुख-साधनों तथा अन्य संसाधनों से शांति होगी यह कहना भी गलत है। यदि इससे ही शांति हो जाती तो हम मंदिर आदि के चक्कर नहीं लगाते।

धन-दौलत और संपदा से संसाधन खरीदे जा सकते हैं परंतु शांति नहीं। हम यही सोचते रह जाते हैं कि यह कर लूँगा तो शांति मिल जाएगी। आवश्यकताओं को पूरा करते-करते पूरा समय निकल जाता है और न तो शांति मिलती है और न ही खुशी।

खुशहाल पारिवारिक जीवन के लिए जरूरी है कि पहले शांति रहे। जहाँ शांति है वहाँ विकास है। जहाँ विकास है वहाँ सुख है। इसलिए अमूल्य शांति के लिए सबसे पहले हमें अपने आप को देखना होगा। अपने बारे में जानना होगा। मैं कौन हूं, कहाँ से आया हूं और हमारे अंदर कौन-कौन सी शक्तियाँ हैं जो हम अपने अंदर ही प्राप्त कर सकते हैं। शांति का सागर परमात्मा है। हम आत्माएँ परमात्मा की संतान हैं। जब हमारे अंदर शांति आएगी तो हमारा विकास होगा।

webdunia
ND
जब विकास होगा तो वहाँ सुख का साम्राज्य होगा। यह प्रक्रिया बिल्कुल सरल और सहज है जिसके जरिए हम यह जान और पहचान सकते हैं। वर्तमान समय अशांति और दुख के भयानक दौर से गुजर रहा है। ऐसे में जरूरत है कि हम अपने धर्म और शाश्वत सत्य को स्वीकारते हुए शांति के सागर परमात्मा से अपने तार जोड़ें। ताकि हमारे भीतर शांति का खजाना मिले। इससे हमारे अंदर शांति तो आएगी ही साथ ही हम दूसरों को भी शांति प्रदान कर सकेंगे।

(दादी जानकी ब्रह्‌माकुमारीज में मुख्य प्रशासिका हैं)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi