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अपने आप घुम गई 4 हजार साल पुरानी मूर्ति...

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नई दिल्ली , रविवार, 22 दिसंबर 2013 (09:53 IST)
नई दिल्ली। इंटरनेट के उपयोगकर्ता गूगल सर्च इंजन का उपयोग किए बिना नहीं रहते लेकिन किसी ने कल्पना नहीं की होगी कि चोरी-छिपे आंकड़े जुटाने के कारण खुद गूगल पर ही 70 लाख डॉलर का जुर्माना लगा होगा। यह भी कल्पना से परे है कि ब्रिटेन के संग्रहालय में रखी 4,000 साल पुरानी मूर्ति खुद घुम जाए, लेकिन ऐसा हुआ है। ऐसी ही कुछ दिलचस्प घटनाओं का ब्योरा पेश है जिन्होंने यह कहने पर मजबूर कर दिया कि 'गजब...।'

ब्रिटेन के मैनचेस्टर संग्रहालय में 4,000 साल पुरानी मिस्र की एक मूर्ति ने यहां के संरक्षकों को चौंकने पर मजबूर कर दिया है। साल के मध्य में प्रतिमा खुद ही 180 अंश पर घूमने लगी और खबरों का हिस्सा बन गई।

1800 ईसापूर्व के समय की 10 इंच लंबी मूर्ति एक ममी की कब्र में मिली थी और यह मैनचेस्टर संग्रहालय में 80 साल तक रही। साल के मध्य में संग्रहालय के क्यूरेटरों ने मूर्ति का कोण बदलते हुए देखा।

विशेषज्ञों ने कमरे पर वीडियो के जरिए निगरानी की और वे यह देखकर हैरान रह गए कि यह मूर्ति 180 अंश पर घूम रही है जबकि इसके आसपास कोई भी नहीं था।

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नक्शा बनाने की सेवा में निजी वाई-फाई हॉटस्पॉट से चोरी-छिपे आंकड़े एकत्र करने के लिए गूगल पर अमेरिका में 70 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया गया और कंपनी यह जुर्माना भरने को राजी हो गई।

कानूनी सुलह के तहत गूगल ने 12 मार्च को घोषणा की कि वह 2008 और 2010 के बीच अमेरिका में स्ट्रीट व्यूव व्हीकल द्वारा संग्रह किए गए ई-मेल, पासवर्ड, वेब इतिहास एवं अन्य आंकड़ों को नष्ट कर देगी।

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यरुशलम में एक बाहरी अरब गांव में एक रेस्तरां मालिक ने खानपान की संस्कृति बचाए रखने के लिए एक अनोखी पेशकश की- 'सेलफोन स्विच ऑफ करने पर 50 फीसदी डिस्काउंट मिलेगा।'

जावदत इब्राहीम का कहना है कि स्मार्टफोन की वजह से आधुनिक खान-पान का अनुभव प्रभावित हो रहा है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि भारी डिस्काउंट की वजह से वह दौर लौटेगा, जब लोग रेस्तरां में खाने के साथ-साथ कुछ समय साथ बिताने जाते थे और खाने की तारीफ भी करते थे। इब्राहीम के रेस्तरां का नाम भी अबू घोश ही है और यह 1993 में शुरू हुआ था।

ब्रिटिश सोशल सर्विसेज ने काम के सिलसिले में ब्रिटेन आई एक गर्भवती इतालवी महिला का जबरन ऑपरेशन कर उसकी कोख से बच्ची बाहर निकाल ली थी। अब यह बच्ची 15 माह की हो चुकी है और सोशल सर्विसेज ने इसे गोद देने वाले बच्चों की सूची में रखा है। बच्ची की मां उसे हासिल करने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है।

'संडे टेलीग्राफ' अखबार में 30 नवंबर को प्रकाशित खबर में महिला के वकीलों के हवाले से बताया गया है कि पूर्वी इंग्लैंड के एसेक्स में महिला को नशीला पदार्थ देकर अधिकारियों ने ऑपरेशन के जरिए उसकी कोख से बच्ची को बाहर निकाल लिया। अखबार के अनुसार, इन अधिकारियों का कहना है कि महिला मानसिक समस्या की शिकार थी और उन्होंने जो किया वह बच्ची की बेहतरी के लिए था।

यह महिला वर्ष 2012 में लंदन के स्टैंस्टेड हवाई अड्डे पर दो सप्ताह के एक प्रशिक्षण कोर्स के लिए गई थी, वहीं उसे तेज दर्द हुआ। उसके परिजनों को लगा कि वह 'बाइपोलर कंडीशन' (एक तरह की मानसिक समस्या) की दवा लेना भूल गई है।

अब महिला अपनी बच्ची को वापस लेने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है। लेकिन उसे बताया गया कि बच्ची को गोद देने के लिए सूची में रखा जाएगा।

श्रीलंका ने म्यांमार के संघर्ष को लेकर प्रकाशित मुख्य लेख से देश में धार्मिक भावनाएं आहत होने की आशंका के आधार पर अंतरराष्ट्रीय पत्रिका 'टाइम' के जुलाई संस्करण को ही जब्त कर लिया।

पत्रिका के 1 जुलाई के अंक में शीर्षक लिखा है- 'बौद्ध आतंकवाद का चेहरा' जिसमें म्यांमार के बौद्ध भिक्षु ए. विराथू पर लेख प्रकाशित किया गया है जिन्होंने मुस्लिमों के विरुद्ध बौद्ध राष्ट्रीय आंदोलन की अगुवाई की थी। (भाषा)

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