Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

कोशिकाओं को प्रभावित करती है दवाएँ

Advertiesment
हमें फॉलो करें स्तंभ कोशिका शोध मनुष्य बीमारी
स्तंभ कोशिका के क्षेत्र में हो रहा निरंतर अध्ययन मनुष्यों में होने वाली बीमारियों के निदान की दिशा में शोध के नए द्वार खोल रहा है।

अमेर‍िका में स्तंभ कोशिका के क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर हो रहे शोध के दौरान इस बात पर खासा जोर दिया जा रहा है कि किसी भी बीमारी के इलाज के लिए दी जा रही दवाएँ किस तरह से मनुष्य की कोशिकाओं को प्रभावित करती है और इलाज में इनका कितना योगदान है।

अमेर‍िका में विस्कंसिन प्रांत के मेडिसन शहर में चल रहे विश्व स्तंभ कोशिका सम्मेलन में हिस्सा लेने आए लगभग 900 वैज्ञानिक इसी बात पर विचार-विमर्श कर रहे हैं कि किस प्रकार से दवाओं के जरिए सीधे स्तंभ कोशिकाओं पर असर डालकर बीमारियों का इलाज किया जा सके।

वैज्ञानिकों का कहना है कि मनुष्य की भ्रूण स्तंभ कोशिकाएँ और हाल ही में खोजी गई इंड्यूस्ड प्लूरीपोटेंट स्तंभ कोशिका (आईपीएस) बीमारियों के इलाज की थैरेपी और इलाज में मददगार साबित होंगी। गौरतलब है कि आईपीएस कोशिकाए मनुष्य की भ्रूण कोशिकाओं के बिना ही बनती हैं।

केलीफोर्निया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक लॉरेंस गोल्डस्मिथ ने बताया कि वैज्ञानिकों ने कीट पतंगों और चूहों सहित अन्य पशुओं की बीमारियों के इलाज और जीव विज्ञान के क्षेत्र में स्तंभ कोशिका के योगदान की सीमाओं का पता लगा लिया है। उन्होंने बताया कि अभी मनुष्यों के इलाज में इसके योगदान की सीमाओं का पता लगाया जाना बाकी है।

वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि स्तंभ कोशिका के इलाज में इस्तेमाल से दवाओं के एक नए क्षेत्र की शुरुआत होगी जिसे रीजनरेटिव मेडिसन कह सकते हैं।

विस्कंसिन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक जेम्स थामसन ने बताया कि मनुष्यों में होने वाली बीमारियों से युक्त स्तंभ कोशिकाओं के जरिए प्रयोगशाला में उसी बीमारी से प्रभावित जीवित ऊतक बनाए जा सकते हैं।

थामसन ने बताया कि इससे बीमारी का कारगर इलाज खोजने में क्रांतिकार रूप से मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों ने इससे पहले कभी मनुष्यों के ऊतक पर सीधे तौर पर काम नहीं किया था।

सम्मेलन में हिस्सा ले रहे वैज्ञानिकों ने इसी आधार पर कोशिकाओं और ऊतकों के जरिए बीमारियों के इलाज खोजने से चिकित्सा विज्ञान के नए युग की शुरुआत की उम्मीद जताई। हालाँकि कोशिका विज्ञान के क्षेत्र में शोध का विरोध भी हो रहा है और अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने भी इस दिशा में सीमित प्रयोग के लिए ही सरकारी सहायता देने की बात कही है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi