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प्रधानमंत्री माधव ने लगाई प्रचंड को फटकार

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हमें फॉलो करें माधवकुमार नेपाल
काठमांडू , मंगलवार, 19 जनवरी 2010 (14:48 IST)
नेपाल के मामलों में भारत पर हस्तक्षेप के आरोप के लिए माओवादी नेता प्रचंड को फटकार लगाते हुए प्रधानमंत्री माधवकुमार नेपाल ने कहा है कि उनके आरोपों से एक अप्रत्याशित व्यक्ति द्वारा पड़ोसी देश के प्रति पूर्वाग्रहों की कलई खुल गई है।

माधव कुमार ने कहा कि उनका देश संप्रभु राष्ट्र है और भारत से निर्देशित होकर उनकी सरकार द्वारा कदम उठाने की सारी बातें बेबुनियाद है। प्रधानमंत्री ने यहाँ साक्षात्कार में कहा कि बीते वर्ष मई में प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद प्रचंड काफी बेचैन हैं और हर तरफ से समस्याएँ खड़ी कर रहे हैं।

माधव ने यूनिफाइड कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी) के अध्यक्ष के बारे में कहा कभी-कभी वे जिम्मेदाराना व्यवहार करते हैं। इस समय वे अप्रत्याशित तरीके से व्यवहार कर रहे हैं।

हाल में भारत पर आरोप लगाया गया था कि वह देश के मामले में हस्तक्षेप कर रहा है और नेताओं पर अपने आदेश थोप रहा है। प्रचंड के इस आरोप के संबंध में पूछे जाने पर माधव ने कहा-मुझे किसी प्रकार की दखलंदाजी नहीं दिखती। मुझे किसी प्रकार का आदेश नहीं प्राप्त हुआ है। प्रचंड ने हाल में भारत पर आरोप लगाते हुए इतना तक कह डाला था कि नेपाली नेताओं का ‘आका’ भारत है।

माधव ने कहा कि यदि माओवादियों को हस्तक्षेप या निर्देश के बारे में जानकारी है तो उन्हें इसके बारे में स्पष्ट तौर पर कहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बीते वर्ष मई में प्रचंड ने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया, किसी बाहरी दबाव से नहीं। यदि उन्होंने किसी बाहरी दबाव से इस्तीफा दिया था तो उन्हें इस संबंध में जनता के सामने आकर स्पष्टीकरण देना चाहिए।

यदि उन्होंने अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया था तो वे इतना हो हल्ला क्यों मचा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति रामबरन यादव के साथ मतभेदों के चलते प्रचंड ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

यादव ने प्रचंडनीत सरकार के फैसले के विपरीत सेना प्रमुख जनरल आर. कटवाल को फिर से पदस्थापित कर दिया था। वे अगस्त 2008 में प्रधानमंत्री बने और नौ महीनों तक माओवादियों की सरकार सत्ता में रही।

माधव ने कहा प्रचंड कैसे कह सकते हैं कि हम पर दबाव बनाया जा रहा है? ये सभी बेबुनियाद और झूठे आरोप हैं। इनके पीछे कोई ठोस आधार नहीं है। (भाषा)

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