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मालदीव की संसद में हंगामा

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माले , गुरुवार, 1 मार्च 2012 (23:56 IST)
मालदीव की संसद में आज हंगामे के बीच पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद की पार्टी के उत्तेजित सांसदों ने आज नए राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद को अपना पहला भाषण देने से रोक दिया, जिसे देश के इतिहास में ‘दु:खद दिन की संज्ञा’ दी गई है

वहीद के आज संसद भवन में पहुंचने से पहले ही नशीद की पार्टी एमडीपी के सदस्यों ने उनके आसन तथा मंत्रियों के आसनों को हटा दिया और उनके इस्तीफे की मांग करते हुए नारेबाजी की।

पीपुल्स मजलिस को संबोधित करने जा रहे वहीद को प्रतीक्षा कक्ष में जाने के लिये बाध्य होना पड़ा।

यहां के संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति को आवश्यक रूप से सांसदों को संबोधित करना होता है और नेतृत्व में बदलाव होने पर आधिकारिक रूप से संसदीय सत्र को फिर से शुरू करना होता है।

संसद के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि क्रुद्ध सांसदों ने उन्हें घेर लिया। शाहिद ने कहा कि उन्हें चोटें भी आई हैं। उन्होंने इस देश के इतिहास में ‘बहुत दुखद दिन’ करार दिया।

यहां जारी मजलिस की तस्वीरों में दिखाया गया है कि विपक्षी सांसदों ने दरवाजें बंद कर दिए और विभिन्न स्थानों पर बैठ गए। मजलिस (संसद) में अव्यवस्था को देखते हुए अध्यक्ष ने अनिश्चित काल के लिए बैठक को स्थगित कर दिया। कुछ टीवी चैनलों ने संसद के घटनाक्रम का प्रसारण किया और हंगामे के दौरान एक राष्ट्रीय झंडा जमीन पर गिरा हुआ था।

विपक्षी सांसद अपने हाथ में प्लेकार्ड लिए थे जिसमें वहीद को विश्वासघाती कहा गया था। इन लोगों ने अध्यक्ष को भी प्रवेश करने से रोक दिया। संसद के भीतर और बाहर भारी संख्या में पुलिस बलों को तैनात किया गया था लेकिन कुछ एमडीपी प्रदर्शनकारी अवरोधकों को तोड़ते हुए सुरक्षा जोन में घुसपैठ कर गए।

एमडीपी प्रदर्शनकारियों द्वारा पथराव किए जाने के कारण 14 पुलिस अधिकारी घायल हो गए। पुलिस को प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए बल प्रयोग करने के आदेश नहीं दिए गए थे। नशीद के छोटे भाई नाजिम सत्तार को कम से कम 34 प्रदर्शनकारियों के साथ हिरासत में ले लिया गया है।

मौजूदा सरकार के कुछ समर्थकों की कई दुकानों में भी प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ मचाई। पूर्व राष्ट्रपति नशीद के इस्तीफा देने के करीब महीने भर के भीतर ही संसद का सत्र आज से शुरू होना था।

सात फरवरी को इस्तीफे के कुछ ही घंटे बाद नशीद ने दावा किया था कि उन्हें तख्तापलट के जरिए हटाया गया है। मौजूदा सरकार ने इन आरोपों का पूरी तरह खंडन किया था। (भाषा)

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