Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

मुस्लिम देशों का विश्वास नहीं जीत सके ओबामा

Advertiesment
हमें फॉलो करें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा
वॉशिंगटन (भाषा) , शनिवार, 1 अगस्त 2009 (20:19 IST)
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा हाल में सऊदी अरब में ऐतिहासिक भाषण के जरिये मुसलमानों की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाए जाने के बावजूद ज्यादातर मुस्लिम देशों का अमेरिकी नीतियों पर संदेह बरकरार है।

वॉशिंगटन के पेव फाउंडेशन द्वारा 24 देशों और फिलिस्तीनी क्षेत्र में कराए गए ताजा अध्ययन में यह बात सामने आई है। सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि हो सकता है कि ‘ओबामा मेनिया’ बाकी दुनिया पर छा गया हो, लेकिन यह जादू मुस्लिम देशों के दिलों को नहीं छू सका है।

रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान (64 प्रतिशत) और फिलिस्तीनी क्षेत्र (77 फीसद) जैसे मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोग अमेरिका को अब भी दुश्मन मानते हैं। अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य रूप से मुसलमानों की बहुलता वाले देशों में अमेरिका की नीति और उसकी शक्ति को लेकर व्यापक चिंता फैली हुई है। ओबामा अपने पूर्ववर्तियों के मुकाबले निश्चित रूप से ज्यादा लोकप्रिय हैं।

उनकी लोकप्रियता से अमेरिकी की सम्पूर्ण छवि में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन कुछ मामलों में उसकी छवि पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। अध्ययन में शामिल किए गए लोगों में से 30 फीसदी से भी कम ने अमेरिका के पक्ष में राय जाहिर की। अनेक मुसलमानों की नजर में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश द्वारा शुरू किया गया आतंकवाद विरोधी युद्ध अनेक स्वार्थों से भरा हुआ है।

इन मुस्लिम देशों का मानना है कि इसराइल को बचाना, पश्चिम एशिया में तेल के भंडार पर नियंत्रण करना और मित्रतापूर्ण रवैया नहीं अपनाने वाले मुस्लिम देशों को निशाना बनाना इस लड़ाई का छिपा हुआ मकसद है।

हालाँकि पश्चिमी यूरोप में ओबामा की रेटिंग बहुत ऊँची पाई गई है। साथ ही लातिन अमेरिका, अफ्रीका और एशिया के ज्यादातर हिस्सों में भी उनकी रेटिंग में सुधार हुआ है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi