महेंद्रसिंह धोनी, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर या हरभजनसिंह के बिना फिलहाल भारतीय टीम की कल्पना नहीं की जा सकती है लेकिन इंडियन प्रीमियर लीग के प्रदर्शन पर गौर करने पर साफ हो जाता है कि इन दिग्गजों को ही नहीं बल्कि कुछ अन्य खिलाड़ियों को भी ट्वेंटी-20 विश्व कप टीम में जगह 'बड़े नाम का इनाम' के तौर पर मिली है।
राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने आज जो 15 सदस्यीय टीम चुनी है उसमें कम से कम दस ऐसे खिलाड़ी हैं जो दक्षिण अफ्रीका में चल रहे आईपीएल में अपेक्षानुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए जबकि कुछ ऐसे खिलाड़ियों को जगह नहीं मिली, जिनका खेल प्रभावशाली रहा।
नाम के अनुरूप प्रदर्शन नहीं करने वाले खिलाड़ियों में धोनी, सहवाग, गंभीर और हरभजन के अलावा युवराजसिंह, रोहित शर्मा, रविंदर जडेजा, जहीर खान, ईशांत शर्मा और प्रवीण कुमार भी शामिल हैं जबकि लक्ष्मीपति बालाजी, मुनाफ पटेल, अमित मिश्रा, विराट कोहली आदि का सुधरा हुआ प्रदर्शन चयनकर्ताओं को प्रभावित नहीं कर पाया।
शुरुआत महेन्द्रसिंह धोनी से करें तो भारतीय कप्तान ने आईपीएल में अभी तक छह मैच में 21.40 की औसत से केवल 107 रन बनाए हैं। वे स्वयं स्वीकार कर चुके हैं कि उनका प्रदर्शन दयनीय रहा है। उन्होंने कहा मुझे लगता है कि अब तक टूर्नामेंट में मेरी बल्लेबाजी दयनीय रही है।
उपकप्तान वीरेन्द्र सहवाग की स्थिति तो और भी खराब है। दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान के नाम पर पहले पाँच मैच में केवल 87 रन दर्ज हैं जिसमें नाबाद 38 रन की एक पारी भी शामिल है। इसका मतलब है कि बाकी चार मैच में उन्होंने 49 रन बनाए। उनके सलामी जोड़ीदार गौतम गंभीर छह मैच में 69 रन बना पाए हैं और उनका उच्चतम स्कोर 17 रन है।
यदि आईपीएल की तरह विश्व कप में भी स्पिन गेंदबाजों का जादू चला और हरभजनसिंह का प्रदर्शन वर्तमान जैसा रहा तो फिर भारतीय टीम संकट में पड़ सकती है। हरभजन ने आईपीएल के पहले छह मैच में 39.33 की औसत से केवल तीन विकेट लिए। ऐसे में टीम को लेग स्पिनर अमित मिश्रा और पीयूष चावला की कमी खल सकती है जिन्होंने भज्जी की तुलना में अच्छी गेंदबाजी की है।
पिछले विश्व कप में भारतीय जीत के नायक युवराजसिंह भी आईपीएल में प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे हैं। बाएँ हाथ के इस बल्लेबाज ने सात मैच में 160 रन बनाए हैं जिसमें 50 रन की एक पारी शामिल है। इस तरह से छह पारियों में उनके नाम पर केवल 110 रन दर्ज रहेंगे। यूसुफ पठान और रोहित शर्मा भी निरंतर अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं। इन दोनों ने अब तक छह-छह मैच में क्रमश: 169 और 164 रन बनाए हैं।
यदि चयनकर्ता आईपीएल के प्रदर्शन पर गौर करते तो उनकी सूची में पहला नाम सुरेश रैना का दर्ज होता जिन्होंने छह मैच में 38.66 की औसत से 232 रन बनाए हैं। अभी आईपीएल के चोटी के 12 बल्लेबाजों में जो दो भारतीय शामिल हैं उनमें एक हैं सुरेश रैना और दूसरे सचिन तेंडुलकर (209 रन)।
गेंदबाजी विभाग में नई गेंद का जिम्मा संभालने वाले जहीर खान और ईशांत शर्मा का प्रदर्शन काबिलेतारीफ नहीं रहा है। ईशांत ने सात मैच में नौ विकेट लिए जबकि जहीर के नाम पर छह मैच में छह विकेट दर्ज हैं लेकिन ये दोनों ही बल्लेबाजों में खौफ पैदा नहीं कर पाए।
ऑलराउंडरों में इरफान पठान ने बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों विभाग में अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन रविन्दर जडेजा (छह मैच में 135 रन और एक विकेट) ने अभी तक बल्लेबाजी में कुछ प्रभाव छोड़ा है। प्रवीण कुमार ने गेंदबाजी में सात मैच में आठ विकेट लिए हैं लेकिन बल्लेबाजी में वे कमाल नहीं दिखा पाए।
आरपी सिंह और प्रज्ञान ओझा को टीम में जगह आईपीएल में उनके प्रदर्शन के आधार पर मिली। डेक्कन चार्जर्स के इन दोनों गेंदबाजों ने अब तक छह-छह मैच में क्रमशः 12 और दस विकेट लिए हैं।
इन दोनों की तरह बालाजी (दस विकेट), आशीष नेहरा और मुनाफ पटेल (दोनों नौ-नौ विकेट) ने भी अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन उन्हें जगह नहीं मिली। बल्लेबाजों में दिनेश कार्तिक, विराट कोहली, रॉबिन उथप्पा और अभिषेक नायर केवल एक-एक पारी में प्रभाव छोड़ पाए लेकिन यह चयनकर्ताओं को प्रभावित करने के लिए पर्याप्त नहीं था।