आईपीएल के दूसरे सत्र की डार्कहार्स साबित हुई रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का सामना शनिवार को सेमीफाइनल में जब चेन्नई सुपर किंग्स से होगा तो वे अपने विजय अभियान को बरकरार रखते हुए धोनी के धुरंधरों को खिताबी भिड़ंत में पहुँचने से रोकने की पूरी कोशिश करेंगे।
धोनी की अगुवाई वाली चेन्नई सुपर किंग्स ने लीग चरण के पहले हाफ में अच्छा प्रदर्शन किया तो आखिरी चरण में कुछ नजदीकी मुकाबले गँवाए। वहीं बेंगलुरु ने कुंबले के कप्तान बनने के बाद करिश्माई प्रदर्शन कर अंतिम चार में जगह सुनिश्चित की।
पहले सत्र में निचले स्थान पर रही बेंगलुरु की टीम यदि शनिवार को चेन्नई के खिताब जीतने के सपने को तोड़ देती है तो कोई हैरानी नहीं होगी। बेंगलुरु के गेंदबाजों को मैथ्यू हेडन, सुरेश रैना और कप्तान धोनी जैसे बल्लेबाजों को रोकने के लिए असाधारण प्रदर्शन कर दिखाना होगा। ऑरेंज कैपधारी हेडन ने पूरे टूर्नामेंट में गेंदबाजों की जमकर धुनाई की है।
रैना ने हरफनमौला प्रदर्शन से टीम की जीत में सूत्रधार की भूमिका निभाई है। बल्ले के अलावा उन्होंने गेंद से भी जौहर दिखाए हैं और फील्डिंग में जबरदस्त चुस्त रहे हैं। शुरुआती खराब दौर के बाद धोनी ने भी बल्लेबाजी में लय हासिल कर ली।
बेंगलुरु ने लीग चरण में चेन्नई को 14 मई को खेले गए मैच में हराकर ही सेमीफाइनल में प्रवेश की दावेदारी मजबूत की थी। उसके बल्लेबाजों को फिरकी के जादूगर मुथैया मुरलीधरन से बखूबी पार पाना होगा और मैच का नतीजा बहुत हद तक इस बात पर भी निर्भर करेगा।
बेंगलुरु की बल्लेबाजी की मजबूत कड़ी बनकर उभरे रॉस टेलर और आईपीएल के पहले भारतीय शतकवीर मनीष पांडे भी चेन्नई के गेंदबाजों के निशाने पर होंगे। डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ नाबाद 114 रन बनाने वाले पांडे का आत्मविश्वास देखने लायक है और वे इस प्रदर्शन को दोहराने को बेताब हैं।
शीर्षक्रम के बल्लेबाजों खासकर जैक कैलिस को अपनी क्षमता के अनुरूप खेल दिखाना होगा। चेन्नई पर पकड़ बनाने के लिए उसे कम स्कोर पर रोकना जरूरी है, क्योंकि बल्लेबाजी ही उसकी ताकत है। कुंबले को इसके लिए अपना सारा अनुभव झोंकना होगा। प्रवीण कुमार और कैलिस इसमें उनके अच्छे सहयोगी साबित हो सकते हैं।