किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ तीन रन की शिकस्त के बाद मुंबई इंडियंस के कप्तान सचिन तेंडुलकर ने कहा कि साझेदारी निभाने में नाकामी के कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
मुंबई की टीम 120 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए सात विकेट पर 116 रन ही बना सकी। टीम की ओर से सिर्फ जेपी डुमिनी (59) ही टिककर बल्लेबाजी कर सके।
तेंड़ुलकर ने कहा कि पहली पारी के बाद हमने सोचा कि हम मैच जीतने के लिए अच्छी स्थिति में हैं लेकिन यह उन मैचों में रहा, जिसमें लगातार दबाव बढ़ता गया और हमने शुरुआती विकेट गँवाए। किंग्स इलेवन पंजाब को पूरा श्रेय जाता है। वे सचमुच अच्छा खेले।
उन्होंने कहा कि 120 रन का लक्ष्य हासिल करने के लिए हमें 35 से 40 रन की साझेदारी की जरूरत थी। ऐसी कुछ साझेदारियाँ होतीं तो हम लक्ष्य हासिल कर लेते लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उन्होंने हमारे ऊपर दबाव बनाए रखा।
चोट के कारण अंतिम ओवरों में मैदान से बाहर रहने वाले किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान युवराजसिंह ने स्वीकार किया कि वे नर्वस थे और उन्होंने पीयूष चावला और यूसुफ अब्दुल्ला की जमकर तारीफ की, जिन्होंने अंतिम दो ओवर डाले।
उन्होंने कहा बाएँ हाथ के बल्लेबाज को आउट करने के लिए हम 19वाँ ओवर पीयूष से फिंकवाना चाहते थे। विकेट स्पिन ले रहा था इसलिए हमने अधिक स्पिनरों का इस्तेमाल किया। यूसुफ ने भी अंतिम ओवर काफी अच्छा फेंका।
कुमार संगकारा को नाबाद 45 रन की पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया और अंतिम ओवरों में टीम की कमान संभालने वाले श्रीलंका के इस खिलाड़ी ने खुलासा किया कि चावला ने खुद 19वाँ ओवर फेंकने को कहा था।
उन्होंने कहा कि मैंने अंतिम ओवर यूसुफ से कराने का फैसला कर ही लिया था लेकिन फिलहाल भारत के सर्वश्रेष्ठ और दुनिया के बेहतरीन लेग स्पिनरों में शुमार चावला मेरे पास आए और कहा कि क्या यह ओवर वे कर सकते हैं। यह अहम ओवर था, जो अंतिम ओवर में अब्दुल्ला को मौका दे सकता था। मैं चावला के आत्मविश्वास से काफी प्रभावित हुआ।