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सोशल नेटवर्किंग का असर पर्सनल लाइफ पर

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युवाओं की कनेक्टिविटी का दायरा बढ़ गया है। अब वे खुद को कॉलेज, दोस्ती और पढ़ाई तक ही सीमित नहीं रखते बल्कि यूथ फ्रेंडली चीजों को अपनी लाइफ से जल्दी जोड़ लेते हैं। यही कारण है कि आज इंटरनेट उनकी लाइफ का हिस्सा बन गया है, पर हां उनके इस लगाव का खामियाजा कभी न कभी दूसरों को भी भुगतना पड़ता है। कभी छोटी-छोटी बात इंटरनेट पर शेयर कर वे दूसरों की प्राइवेसी को खत्म कर देते हैं तो कभी दोस्ती, बुराई और अच्छाई को दूसरों से शेयर करते हैं।

युवाओं के बीच फेसबुक का क्रेज इस कदर हावी है कि कॉलेज कैम्पस हो या फिर घर, वे हर वक्त इस पर ही चर्चा करते हैं। इतना ही नहीं, लैपटॉप और मोबाइल के माध्यम से हर वक्त ऑनलाइन ही मिलते हैं। इसका सीधा असर पर्सनल लाइफ पर पड़ रहा है।

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वे छोटी-छोटी चीजों को तत्काल फेसबुक पर शेयर करते हैं तो कभी अपनी पर्सनल व्यू या कमेंट करने से भी पीछे नहीं रहते। फेसबुक में युवाओं की भागेदारी तेजी से बढ़ी है। कभी-कभी तो न शेयर करने वाली फोटो और वीडियो भी युवा फेसबुक पर शेयर कर उसका खूब लुत्फ उठाते हैं।

जानकारों का मानना है कि इंटरनेट की दुनिया ने भले ही लोगों की सोच का दायरा बढ़ा दिया है, लेकिन जहां तक सोशल नेटवर्किंग की बात है, इससे युवा काफी प्रभावित हुए हैं। न केवल वे तेजी से ऐसी साइट से जुड़े रहे हैं बल्कि उनमें शेयर करने की प्रवृत्ति भी बढ़ी है।

इंटरनेट के दुरुपयोग से बढ़ती परेशानियों से बचने के लिए खुद सावधानी रखना चाहिए। कई बार पर्सनल एक्टिविटी की वीडियो बनाते समय ही इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वो क्लिप किसी गलत हाथों पर न पड़े। जितना हो सके अपनी फोटोग्राफ सोशल साइट पर शेयर न करें। अपने एकाउंट को हमेशा पर्सनल रखें। हमेशा अपने एकाउंट को चेक करते रहें।

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