ठाकुर सिंह डोडिया
सारे जगत में आजादी का,
बिगुल बजाना आता है।
भारत माता के बेटों को,
फर्ज निभाना आता है।।
तीन रंगों से ये सजा तिरंगा,
झंडा हमको प्यारा है।
इसकी शान न जाने पाए,
ये कर्तव्य हमारा है।।
सिर्फ मित्रता नहीं,
बैर भी हमें निभाना आता है।
देशद्रोही गद्दारों को हमें सबक सिखाना आता है।।
संकट में हो देश तो,
हमको प्राण गँवाना आता है।
हर शहीद की कुर्बानी पर,
पुष्प चढ़ाना आता है।।
शीश कटाना आता है,
नहीं शीश झुकाना आता है।
देश के दुश्मन गद्दारों को,
जिन्दा दफनाना आता है।।
अब मातृभूमि के आँचल पर,
जो कोई आँख उठाएगा।
कसम है माँ के दूध की हमको,
जीवित नहीं बच पाएगा।
- खड़ी (डोडिया) (मप्र)