FILE चुहिया रानी, चुहिया रानी लगती हो तुम बड़ी सयानी। जैसे हो इस घर की रानी, कभी तो करती हो मनमानी। कुतुर-कुतुर सब खा जाती, आवाज सुन झट से छिप जाती। जब भी घर में बिल्ली आती,दूम दबा बिल में चली जाती।