Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

और हमारी दोस्ती हो गई

हमें फॉलो करें और हमारी दोस्ती हो गई
जब जुलाई में स्कूल गई तब मेरी एक सहेली मेरे साथ में पढ़ती थी। पर उसके पास पुस्तकें नहीं थीं। इसलिए वो दीदी, आचार्य जी की रोज डाँट खाती थी। जब मुझे अपने भैया के दोस्त ने बताया कि मेरे पास सारी पुस्तकें हैं। लेकर मैंने पुस्तकें उसे दे दीं वह बहुत खुश हुई। उसकी सहायता कर मैं हर्षई।
- कु. दिव्या चौरे (कक्षा 7वीं) मसनगाँव

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi