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मार्केट रिसर्च : कैरियर का बेहतरीन विकल्प

जयंतीलाल भंडारी

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मार्केट रिसर्च (बाजार अनुसंधान) एक प्रकार की मार्केटिंग तकनीक है, जिसमें सर्वेक्षण, विश्लेषण और उपभोक्ताओं से बातचीत कर नए उत्पाद के बारे में अहम जानकारी प्राप्त की जाती है। मार्केट रिसर्च को हम इस प्रकार भी समझ सकते हैं कि कोई कंपनी अपना नया उत्पाद बाजार में लाने से पहले रणनीति बनाती है कि बाजार में उस उत्पाद की मांग कैसे उत्पन्न की जाए? कंपनी इस बात पर भी गौर करती है कि उसके उत्पाद का उपभोक्ता वर्ग कौन होगा, महिला, पुरुष अथवा बच्चे।

माना कि कोई कंपनी साबुन मार्केट में लाना चाहती है तो कंपनी बाजार विश्लेषण करती है कि वह फेस सोप होना चाहिए या बॉडी सोप। बाजार और उपभोक्ताओं से जुड़ी तमाम जानकारियां, उपभोक्ताओं की पसंद-नापसंद के बारे में जानकारी एकत्रित की जाती हैं। इसके बाद ही उत्पाद बाजार में उतारा जाता है।

मार्केट रिसर्च के अंतर्गत किसी नए प्रोडक्ट या सर्विसेज को बाजार में फैलाने के लिए सबसे पहले विस्तृत आंकड़े या डाटा इकट्ठा करने की जरूरत पड़ती है जिसे अंजाम देते हैं मार्केट रिसर्चर। मार्केट रिसर्चर का कार्य यह निर्धारित करना होता है कि कोई भी नया प्रोडक्ट या सर्विस बाजार में किस प्रकार खपेगा, इसका खरीदार कौन होगा। ये न सिर्फ नए प्रोडक्ट और सर्विसेज पर काम करते हैं बल्कि बाजार की रणनीतियों पर भी काम करते हैं। ये सर्वेक्षण, वैचारिक मत, सवाल-जवाब से एकत्रित हुए डाटा को डिजाइन करने के लिए सांख्यिकीय तकनीकें अपनाते हैं।

मार्केट रिसर्चर उपभोक्ता की पसंद, खरीदारी की आदत, बाजार में उस प्रोडक्ट की कीमत और बिक्री के आधार पर डाटा एकत्रित कर उसका विश्लेषणात्मक अध्ययन करते हैं। इसके लिए उन्हें रिपोर्ट, ग्राफिक इलेस्ट्रेशन आदि तैयार करने पड़ते हैं ताकि उसे प्रजेंटेशन के जरिए समझाया जा सके। इसके अलावा, मार्केट रिसर्चर इस बात पर भी नजर रखता है कि कौनसे क्षेत्र में प्रोडक्ट की मांग अधिक है और उपभोक्ताओं की प्रोडक्ट के प्रति अपेक्षाएं क्या हैं?

मार्केट रिसर्च में तीन प्रमुख क्षेत्र सम्मिलित हैं, जो इस प्रकार हैं- रिसर्च, फील्ड वर्क तथा डाटा विश्लेषण।

रिसर्च- इस विभाग का काम बाजार से जुड़ी समस्याओं का पता लगाना और डाटा को इकट्ठा करना होता है। साथ ही यह भी पता लगाना कि कितने लोग प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं। रिसर्च रिपोर्ट्‌स और प्रस्ताव बनाने का काम भी इसी विभाग के अंतर्गत आता है।

फील्ड वर्क- फील्ड वर्क के तहत फोन, मेल के जरिए अथवा घर-घर जाकर, मार्केट सर्वेक्षण किया जाता है।

डाटा विश्लेषण- डाटा विश्लेषण के तहत इकट्ठा की गई सामग्री का विश्लेषण का परिणाम तक पहुंचा जाता है।

यदि आपमें विश्लेषण करने की क्षमता, सांख्यिकीय योग्यता, दबाव में काम करने की क्षमता, आत्मविश्वास, क्लाइंट्स से बात करने में सहनशीलता, समय प्रबंधन, आर्थिक और कला की परख हो तो इस क्षेत्र में आपके लिए दरवाजे खुले हैं। मार्केट रिसर्च के क्षेत्र में करियर बनाने हेतु जो शैक्षणिक योग्यता आवश्यक है वह इस प्रकार है- जो बतौर रिसर्च एक्जीक्यूटिव काम करना चाहते हैं उन्हें मार्केटिंग में एमबीए होना जरूरी है। इसके अलावा सोशियोलॉजी, साइकोलॉजी या एन्थ्रोपोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं हेतु भी इस क्षेत्र में उजले अवसर हैं। वे युवा जो फील्ड वर्क करना चाहते हैं उनके पास सांख्यिकी, भूगोल, अर्थशास्त्र, सामाजिक विज्ञान या कंप्यूटर साइंस में डिग्री के साथ ही अच्छी कम्युनिकेशन स्किल भी होनी चाहिए।

इस क्षेत्र में रोजगार की बात की जाए तो कंपनियों, शिक्षण संस्थानों, यहां तक कि सरकार को भी मार्केट रिसर्चर की जरूरत पड़ती है, इसलिए इस क्षेत्र में उजली संभावनाएं हैं। मल्टीनेशनल और मार्केटिंग संगठन, सरकारी विभाग और रिसर्च इंस्टीट्यूशन इन-हाउस मार्केट रिसर्च ऑपरेशन का काम करते हैं जिसके लिए मार्केट रिसर्चर की जरूरत पड़ती है। सरकारी विभागों को भी महत्वपूर्ण मुद्दों पर लोगों की राय जानने हेतु मार्केट रिसर्चर की जरूरत पड़ती है। इसे देखते हुए इस क्षेत्र में अवसरों की कोई कमी नहीं है।

यहां से करें कोर्स-

- मुद्रा इंस्टिट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन, अहमदाबाद।

- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, जेएनयू कैंपस, नई दिल्ली।

- नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सेल्स, नई दिल्ली।

- डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा।

- टाइम्स स्कूल ऑफ मार्केटिंग, नई दिल्ली।

- नरसी मोंजी इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, विले पार्ले, मुंबई।

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