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डर के पैदा होने का पता चला

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वॉशिंगटन , शुक्रवार, 17 दिसंबर 2010 (09:30 IST)
वैज्ञानिकों ने इंसानी दिमाग के उस खास हिस्से को खोज निकालने का दावा किया है जहाँ उनके मुताबिक डर का भाव पैदा होता है।

इस खोज से अवसाद और मस्तिष्क से जुड़े कई विकारों का प्रभावी उपचार मुमकिन हो सकता है। अमेरिका में इवोआ विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है।

उन्होंने दिमाग के इस खास हिस्से को ‘एमिगडाला’ नाम दिया है। उनका कहना है कि यही वह जगह है, जहाँ से भय का भाव पैदा होता है।

पहले के शोधों में कहा गया था कि एमिगडाला सिर्फ जानवरों में डर पैदा करता है परंतु इस बात की पहली बार पुष्टि हुई है कि एमिगडाला इंसानों में भी डर का भाव पैदा करने में मुख्य भूमिका निभाता है।

इस शोध का पूरा विवरण ‘करेंट बायोलॉजी’ नामक जर्नल में दिया गया है। शोधकर्ताओं ने यह शोध एक महिला पर किया। इस महिला के मस्तिष्क में एमिगडाला नष्ट हो गया था।

इस महिला को डरावने घर, साँपों, बिच्छुओं और डरावनी फिल्मों के जरिये डराने का भरसक प्रयास किया गया, लेकिन उसके दिमाग में भय का भाव जरा भी पैदा नहीं हुआ।

जानकारों का कहना है कि इस खोज से मनोचिकित्सा के क्षेत्र में भी फायदा हो सकता है। अकेले अमेरिका में ही लगभग 77 लाख लोग किसी न किसी तरह दिमागी तौर पर परेशान हैं। उनके लिए यह शोध कारगर साबित हो सकता है। (भाषा)

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