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धूमकेतु की गुत्थी सुलझी

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वाशिंगटन, धूमकेतु ‘टेंपल-1’ के पास से गुजरे नासा के अंतरिक्ष यान ने उसकी सतह पर हो रहे क्षरण की तस्वीरें ली हैं। टेंपल-1 वर्ष 2005 में सूर्य के नजदीक से गुजरा था। यान ने पहली बार धूमकेतु की सतह पर बने गड्ढों की साफ तस्वीरें उतारीं।

मगर वेलेंटाइन डे की रात में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के यान ‘स्टारडस्ट-एनईएक्सटी’ के लिए यह काम आसान नहीं था। उसे साफ और नयी तस्वीरें लेने के दौरान धूमकेतु से लगातार निकल रहे मलबे से जूझना पड़ा।

‘स्टारडस्ट-एनईएक्सटी’ के सह अन्वेषक डॉन ब्राउनली का कहना है, ‘धूमकेतु जब सौर मंडल के भीतरी भाग में होते हैं, जहाँ पृथ्वी है, तो वह सौर मंडल परिवार के अन्य सदस्यों से अलग होते हैं।’ उन्होंने बताया, ‘वह वस्तुत: टूटते हैं और टनों गैस, पत्थर और धूल अंतरिक्ष में गिराते हैं।’

धूमकेतु से निकले मलबे की टक्कर से निकली आवाज की रिकार्डिंग सुनाते हुए डॉन कहते हैं, ‘धूमकेतु से सिर्फ एक निश्चित तरीके से मलबा नहीं गिरता, बल्कि धूल, बर्फ के बादल और चट्टानें गिरती हैं।’ ‘स्टारडस्ट’ की ली हुयी तस्वीरों से ‘टेंपल-1’ में पिछले पाँच साल में हुए क्षरण का पता चला। पहली बार वैज्ञानिक धूमकेतु पर नासा द्वारा बनाए गए गड्ढे को देखने में सफल हुए।

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