Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

आयकर छूट सीमा में मामूली बढ़त

खुला प्रणब का पिटारा, सबको खुश करने की कवायद

हमें फॉलो करें आयकर छूट सीमा में मामूली बढ़त
नई दिल्ली (भाषा) , मंगलवार, 7 जुलाई 2009 (10:36 IST)
मध्य वर्ग, किसानों, ग्रामीणों को खुश करने की कवायद में वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को अपने बजट में वैयक्तिक आयकर की छूट सीमा में 10 हजार से 15 हजार रुपए की बढ़ोतरी की और दस प्रतिशत का आयकर अधिभार समाप्त कर दिया। निगमित करों को अपरिवर्तित रखते हुए मुखर्जी ने फ्रिंज बेनिफिट कर (एफबीटी) को भी खत्म कर दिया।

PIB
वैश्विक मंदी से निपटने के उपायों और कांग्रेस के चुनावी वायदों के अनुरूप संप्रग की दूसरी सरकार के पहले बजट में गरीबों के लिए सस्ता अनाज, ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम के तहत न्यूनतम प्रतिदिन सौ रुपए मजदूरी तथा नौ प्रतिशत की विकास दर हासिल करने के लिए बुनियादी ढाँचा क्षेत्र, कृषि और सामाजिक क्षेत्र के लिए व्यापक प्रावधान किए गए हैं।

मुखर्जी ने वैयक्तिक आयकर की छूट महिलाओं और सामान्य आयकर दाताओं के मामले में 10 हजार रुपए तो वरिष्ठ नागरिकों के लिए 15 हजार रुपए बढ़ा दी है। उन्होंने एफबीटी समाप्त कर दिया है, जिससे नियोक्ता अपने कर्मचारियों को और अधिक फायदा देने की स्थिति में होंगे।

वित्तमंत्री ने हालाँकि कंपनियों पर न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) को दस प्रतिशत से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया है, जबकि प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) को अपरिवर्तित रखा है। उन्होंने हालाँकि पिछले साल शुरू किए ‍गए कमोडिटी लेन-देन कर को हटा दिया है। वैसे सरकार ने इस कर की अधिसूचना नहीं जारी की थी।

वित्तमंत्री ने कर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाने तथा 45 दिन के भीतर प्रत्यक्ष कर कोड (संहिता) जारी करने का वायदा किया है और इस संबंध में उनकी संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक लाने की योजना है। सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क में बदलावों से कास्मेटिक और प्लास्टिक सर्जरी, सोने की छड़ें और गिन्नी, चाँदी, सेट टॉप बॉक्स महँगा होगा, लेकिन महिलाओं को खुश करने की कवायद में वित्तमंत्री ने ब्रांडेड ज्वैलरी सस्ती कर दी।

बजट प्रावधानों से एलसीडी, चुनिंदा जीवनरक्षक दवाएँ, मोबाइल फोन, खेल उत्पाद, चर्म उत्पाद और फुटवियर भी सस्ते होंगे।

उन्होंने कानूनी परामर्श सेवाओं को सेवा कर के दायरे में रखा है। मूलभूत सीमा एवं उत्पाद शुल्क तथा सेवा कर की दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है, लेकिन अप्रत्यक्ष करों से सरकार को 2000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वार्षिक राजस्व हासिल होगा।

अर्थव्यवस्था में जान फूँकने के लिए कई लघु एवं मध्यम अवधि के उपायों की घोषणा करते हुए मुखर्जी ने कहा कि विनिवेश के जरिये अतिरिक्त संसाधन जुटाए जाएँगे और सरकार राजकोषीय घाटे को वित्तीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन कानून के अनुरूप जल्द से जल्द लाने का प्रयास करेगी।

सरकार बैंकों और बीमा कंपनियों पर नियंत्रण बरकरार रखेगी, जबकि अन्य सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से कम नहीं होने देगी। साथ ही पेट्रोल के मूल्य को नियंत्रणमुक्त करने का संकेत देते हुए मुखर्जी ने कहा कि सरकार एक ऐसा तंत्र विकसित करेगी, जिससे पेट्रोलियम कीमतों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुरूप बनाया जा सके।

तीन विशेष पैकेज दिए जाने के कारण राजकोषीय घाटे के 2.7 प्रतिशत से बढ़कर इस साल 6.8 प्रतिशत रहने पर मुखर्जी ने चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि वैश्विक मंदी के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव के दूर होने के बाद इसे दुरुस्त करने के तत्काल प्रयास किए जाएँगे। छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक की ब्याज अदायगी, 1.41 लाख करोड़ रुपए का भारी परिव्यय और 1.11 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी के कारण 2009-10 में गैरयोजना व्यय 6.97 लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा, जो 37 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाता है।

सबसे बड़ा बजट : देश के इतिहास में पहली बार सरकार का बजट 10 लाख करोड़ रुपए के आँकड़े को पार गया है। बजट में इसने 1020838 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर को छुआ है। इसमें योजना व्यय के रूप में 325149 करोड़ रुपए शामिल हैं। यह पूर्व वर्ष के मुकाबले 36 प्रतिशत अधिक है।

दूसरी ओर सकल कर प्राप्तियाँ 6.41 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है, जो पूर्व वर्ष में 6.87 लाख करोड़ रुपए थीं। मुखर्जी ने हालाँकि कहा कि वैश्विक संकट के कारण अर्थवयवस्था को दो खराब तिमाहियों का सामना करना पड़ा।

कुल आवश्यकताओं की तुलना में राजस्व अंतर के कारण सरकार को ज्यादातर बाजार उधारी पर निर्भर करना होगा, जिसके चार लाख करोड़ रुपए से अधिक रहने की उम्मीद है। इस अंतर के परिणामस्वरूप राजस्व घाटा तीन गुना अधिक रहने की उम्मीद है, जो 2008-09 के संशोधित अनुमानों में 1.33 लाख करोड़ रुपए था।

अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के बारे में मुखर्जी ने कहा कि भारतीय बुनियादी ढाँचा वित्त निगम लिमिटेड (आईआईएफसीएल) और बैंक मिलकर बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के लिए एक लाख करोड़ रुपए का वित्त पोषण करने की स्थिति में हैं। विभिन्न क्षेत्र आधारित कई रियायतों की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि निर्यातकों और वस्त्र, रत्न एवं आभूषण जैसे सात रोजगारोन्मुख उद्योगों के लिए ऋणों पर दो प्रतिशत की ब्याज सहायता का प्रावधान जारी रहेगा।

भारतीय कंपनियों ने इस पहल का स्वागत किया है, लेकिन कहा कि प्रतिभूति लेन-देन कर (एसटीटी) और न्यूनतम वैकल्पिक कर (मेट) को समाप्त करने पर भी सरकार को विचार करना चाहिए था।

उद्योग जगत की प्रतिक्रिया कुछ भी रही हो, लेकिन विपक्ष और सत्ताधारी संप्रग के कुछ सहयोगी दलों ने बजट की तीखी आलोचना की है। सपा ने बजट को ‘खट्टा’ और ‘प्रभावहीन’ बताया है। सपा के अलावा भाजपा, वाम दलों, जदएस और बीजद ने भी बजट की जमकर आलोचना की है। हालाँकि संप्रग के सबसे बड़े घटक कांग्रेस ने इसकी सराहना की है।

ममता बनर्जी के रेल बजट की आलोचना करने वाले राजद प्रमुख लालूप्रसाद ने मुखर्जी के आम बजट को नहीं कोसा और इसे एक संतुलित बजट बताया।

मुखर्जी ने हालाँकि कहा है कि पिछले बजट में घोषित ऋण माफी योजना को मानसून देर से आने के कारण इस साल 31 दिसंबर तक जारी रखा जाएगा। कुल 71000 करोड़ रुपए वाली इस स्कीम के तहत चार करोड़ किसानों को शामिल किया गया और यह जून 2009 में समाप्त हो गई थी। केन्द्र सरकार ने इस बजट में किसानों को ब्याज सहायता के रूप में 411 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन किया है।

मुखर्जी ने महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में किसानों की स्थिति की समीक्षा के लिए टास्क फोर्स बनाने का भी ऐलान किया। ये किसान स्कीम के दायरे से बाहर हो गए थे क्योंकि उन्होंने ने महाजनों से ऋण ले लिया था। पूर्व वित्तमंत्री एवं भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि मैं इस बजट के जरिये कोई महान संदेश नहीं देखता।

अपना चौथा बजट पेश कर रहे मुखर्जी ने रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया। साथ ही महिला सशक्तीकरण पर भी फोकस किया। उन्होंने महिला स्वयंसेवी समूहों के लिए धनराशि को 100 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपए कर दिया।

उन्होंने कहा कि सरकार अगले पाँच साल के दौरान देश की कम से कम 50 प्रतिशत ग्रामीण महिलाओं को स्वयंसेवी समूहों से जोड़ने का प्रस्ताव करती है। शेयर बाजारों ने हालाँकि बजट पर फीकी प्रतिक्रिया दी और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 870 अंक गिर गया।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi