खाद्य मुद्रास्फीति में हल्की कमी
ईंधनों का मूल्य सूचकांक चढ़ा
खाद्य वस्तुओं की थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति 27 फरवरी को समाप्त सप्ताह में थोड़ी घटकर 17.81 फीसदी पर आ गई पर बजट में शुल्कों में बढ़ोतरी के कारण पेट्रोलियम उत्पाद महँगाई से ईंधन वर्ग की मुद्रास्फीति में इसी दौरान वृद्धि दर्ज की गई।
इससे पूर्व के सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति 17.87 फीसद थी।
आज जारी सरकारी आँकड़ों के अनुसार आलोच्य सप्ताह में महँगाई दर में 0.06 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। खद्य मुद्रास्फीति में यदि यह गिरावट का रुख जारी रहता है तो इससे सरकार के इस भरोसे को समर्थन मिलेगा कि अप्रैल से कीमत घटने लगेगी।
बावजूद इसके अभी भी खाने-पीने की प्राथमिक वस्तुएँ महँगी बनी हुई हैं।
पिछले साल की तुलना में दालें 33.38 फीसदी महँगी हैं जबकि दालें इससे पिछले सालाना आधार पर 35 फीसदी महँगी थीं। आलू की कीमत सालाना आधार पर 22.46 फीसदी और प्याज की कीमत 2.98 फीसद बढ़ी है।
कुल मिला कर सब्जियाँ अब भी पिछले वर्ष इसी अवधि की तुलना में 15.61 फीसदी, दूध 15.31 फीसदी और फल 11.77 फीसदी महँगे बन हुए हैं। बजट में पेट्रोल पर उत्पाद और सीमा शुल्क बढ़ाए जाने के बाद पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढ़ गए हैं। सप्ताह के दौरान पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतें औसतन छह प्रतिशत बढ़ी हैं। (भाषा)