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घर की मुर्गी दाल बराबर!

टाटा का सिंगुर में विरोध, यूके में स्वागत

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हमें फॉलो करें टाटा सिंगुर ब्रिटेन स्वागत
वेबदुनिया डेस्
किसी ने सच ही कहा है कि 'घर की मुर्गी दाल बराबर'। टाटा के साथ सिंगूर में जो कुछ हुआ, उसे देखकर तो यही कहा जाएगा। तमाम परेशानियों के बाद भी अब तक यह तय नहीं हो पाया है कि नैनो कार वहाँ बन पाएगी या नहीं। बहरहाल, सिंगूर को लगता है कि टाटा का वहाँ उद्योग स्थापित करना ठीक नहीं है, लेकिन ब्रिटेन तो उनका खुलकर स्वागत कर रहा है।

हमारे यहाँ स्वागत- भारत-ब्रिटेन व्यापार पर अपनी नई रिपोर्ट ‘द यूके एंड इंडियाः द अदर स्पेशल रिलेशनशीप?’ में जर्मनी की कैटरीना रुडीगर ने लिखा है कि उन्होंने सिंगूर के हालातों का पूरी तरह से अध्ययन नहीं किया है, लेकिन एक बात साफ है कि पहले कोरस और फिर जागुआर तथा लैंड रोवर का टाटा द्वारा किया गया अधिग्रहण ब्रिटेन के लिए अच्छा साबित हुआ है।

इनसे सीखा जाए-जाने-माने अनुसंधान संगठन ‘द वर्क फाउंडेशन’ द्वारा प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में कैटरीना ने लिखा है कि सिंगूर में लोगों को इन ब्रिटिश कंपनियों के कर्मचारियों से सीख लेना चाहिए, जिनका अधिग्रहण टाटा ने किया है। आमतौर पर जब भी कोई विदेशी कंपनी अधिग्रहण करती है, तो कर्मचारियों में असंतोष फैल जाता है, वे विरोध करने लगते हैं, लेकिन कोरस के साथ ही जागुआर और लैंड रोवर के कर्मचारियों ने टाटा में विश्वास रखा तथा अपना काम पूरी ईमानदारी से जारी रखा। इसका फल उन्हें मिल रहा है और आगे भी मिलता रहेगा।

ब्रिटिश कर्मचारियों को पता था कि टाटा का निवेश लंबे समय के लिए है। वे व्यापार बढ़ाने के लिए नई योजनाएँ शुरू करेंगे और प्रोडक्ट को एक ग्लोबल ब्राँड बनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे।

टाटा यानी उभरता भारत-कैटरीना का मानना है कि टाटा कंपनी भारत की आर्थिक नीति को दिखाती है। टाटा लंबे समय के लिए और भविष्य को देखते हुए निवेश करते हैं।

उन्होंने लिखा है कि टाटा के लिए भी ब्रिटेन जाना इसलिए फायदे का सौदा रहा, क्योंकि अधिग्रहण करने वाली सीमा पार की कंपनी के लिए नए बाजार में प्रवेश करना आसाना होता है, वह पहले से प्रचलित ब्राँड का उपयोग कर सकती है, कुशल कर्मचारियों का लाभ उठा सकती है।

क्या होना था सिंगूर में-कैटरीना के मुताबिक, सिंगूर में भी कंपनी को उतनी ही स्वच्छंदता और प्रोत्साहन मिलना था, जितनी ब्रिटेन में दी गई। ब्रिटेन में भी जमीन को लेकर विवाद होते हैं, लेकिन सरकार आगे आकर सहायता करती है।

भारत का स्वागत हो-कैटरीना ने लिखा है कि ब्रिटेन जैसे देशों को भारतीय कंपनियों का स्वागत करना चाहिए। भारत के आर्थिक विकास को किसी चुनौती या भय की नजर में नहीं देखा जाना चाहिए।

इस रिपोर्ट पर खुशी जाहिर करते हुए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस, यूके और आयरलैंड के प्रमुख एएस लक्ष्मीनारायण ने कहा कि वे रिपोर्ट का स्वागत कहते हैं। टाटा ने ब्रिटेन को किया अपना हर वादा निभाया है और हम आगे भी निवेश करते रहेंगे।

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