चुनाव से पहले नहीं होगा आर्थिक सुधार
वॉशिंगटन , शुक्रवार, 20 अप्रैल 2012 (11:36 IST)
वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने स्वीकार किया कि आर्थिक सुधारों की रफ्तार धीमी पड़ी है और 2014 के आम चुनाव से पहले प्रमुख सुधारों को आगे बढ़ाना मुश्किल होगा।बसु ने दावा किया कि अगले आम चुनाव के बाद भारत विश्व की सबसे तेज रफ्तार से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा। यदि आम चुनाव के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार सत्ता में आई तो सुधारों को तेजी से आगे बढ़ाएगी।बसु ने कहा कि फिलहाल कम महत्वपूर्ण विधेयक ही संसद में पेश हो सकते हैं लेकिन प्रमुख आर्थिक सुधार से जुड़े विधेयकों के सामने अड़चनें आ सकती हैं। अगले संसदीय चुनाव से पहले इन्हें आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे सुधार हैं जिन्हें तेजी से आगे बढ़ाने की जरूरत है। खुदरा क्षेत्र अभी भी विदेशी निवेश की मंजूरी के लिए इंतजार कर रहा है। भारत में सब्सिडी के दुरुपयोग और कमजोर बुनियादी ढांचे के मामले पर ध्यान देने की जरूरत है।बसु ने माना कि निर्णय लेने की गति धीमी पड़ी है। एक के बाद एक भ्रष्टाचार के कई मामले फूटने से अफसरशाही की सोच प्रभावित हुई है कोई नया फैसला लेने में उन्हें जोखिम लगता है।बसु ने आर्थिक सुधारों की धीमी गति के लिए गठबंधन सरकार के स्वरूप को भी जिम्मेदार ठहराया। इसके अलावा ऊंची मुद्रास्फीति और कृषि उत्पादन में गिरावट को भी उनहोंने धीमे सुधारों की एक वजह बताया।बसु ने कहा भारत ने वित्तीय और मौद्रिक दोनों ही मोर्चों पर कदम उठाए हैं लेकिन आखिरकार वैश्विक आर्थिक मंदी का असर भारत पर भी पड़ा है। (भाषा)