आयकर विभाग अंततः यह मान चुका है कि रीयल एस्टेट सौदों में काले धन को पूरी तरह से रोक पाना असंभव है। इसलिए अब वह संपत्ति की खरीद-फरोख्त पर नया कर लगाने पर विचार कर रहा है। इसका नाम पूँजी लेन-देन कर भी हो सकता है।
सूत्रों ने बताया कि रीयल एस्टेट की खरीद-फरोख्त पर पूँजी लेन-देन कर शुरू करने का सुझाव आया है। सूत्रों का कहना है कि उक्त कर की घोषणा बजट में कर प्रस्तावों में हो सकती है। इसका मकसद यही है कि रीयल एस्टेट बूम से राजस्व कमाया जाए और इस क्षेत्र में आ रहे काले धन पर कर लग सके।
सौदे के घोषित मूल्य की एक फीसदी राशि कर के रूप में वसूली जाएगी। अभी यह तय नहीं हो पाया है कि इसे खरीदार या बेचवाले में से किससे वसूला जाएगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश में प्रापर्टी के दाम आसमान छू रहे हैं। हम जानते हैं कि वास्तविक सौदा मूल्य की तुलना में सौदे की राशि बहुत कम बताई जाती है। कम राशि का सौदा बताकर खरीदार और बेचवाल स्टाम्प ड्यूटी और आयकर दोनों की चोरी करते हैं।(नईदुनिया)