प्रमुख अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड ऐंड पूअर्स ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बताया है और इसकी दीर्घकालिक रेंटिंग को ट्रिपिल-बी-माइनस पर बनाए रखने के साथ ही अल्पकालिक ऋण रेंटिग-ए-तीन को भी बरकरार रखा है। एजेंसी की भारतीय अर्थव्यवस्था पर जारी रिपोर्ट में दीर्घकालिक रेटिंग को स्थिर रखा गया है।
एजेंसी का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूत आर्थिक विकास की संभावना झलक रही हैं और यहाँ के सरकारी ऋण बाजार से कमजोर वित्तीय स्थिति संभली हुई है।
एसऐंडपी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास संभावनाओं को मजबूत बताते हुए मध्यकालिक अवधि में औसतन आर्थिक विकास दर सात प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद जताई है।
एजेंसी के क्रेडिट विश्लेषक ताकाहीरा ओगावा ने कहा है। आर्थिक गति को बनाए रखने के लिए औद्योगिक क्षेत्र में कानूनी पकड़ को धीरे-धीरे कम करना, व्यापार में लगातार लचीलापन लाना, सेवा क्षेत्र को और व्यापक बनाने के साथ ही बुनियादी सुविधाओं के विकास पर ध्यान देने की जरुरत है।
एजेंसी ने आर्थिक सुधारों में उन्नति का जिक्र करते हुए कहा है कि निजी और सार्वजनिक क्षेत्र को मिलकर मजबूत भागीदारी निभानी चाहिए।
उसका मानना है कि आने वाले वर्षों में भारत में कारोबारी माहौल और सुधरेगा तथा मौजूदा वैश्विक वित्तीय संकट का इस पर कोई खास असर नहीं होगा। यहाँ की आर्थिक विकास दर को उच्च खपत और निजी निवेश से फायदा होगा क्योंकि यहाँ मध्यम वर्ग बढ़ रहा है।
मौद्रिक और वित्तीय सुधार का जिक्र करते हुए एजेंसी ने कहा है कि इसके साथ ही यहाँ कडे़ वित्तीय कानून है जिससे वित्तीय क्षेत्र में जोरदार वृद्धि के साथ-साथ सरकारी प्रतिभूतियों का बाजार बढ़ा है और सरकार को वित्तीय अनुशासन लाने में मदद मिली है। दूसरी तरफ सरकार के भारी भरकम कोषीय कार्यक्रमों से निजी क्षेत्र के अवसर कम बने हुए हैं।