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रिजर्व बैंक के कदमों से चिदंबरम खुश

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हमें फॉलो करें पी चिदंबरम
कराईकुडी (भाषा) , रविवार, 2 नवंबर 2008 (16:39 IST)
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती के संकेत के तौर पर अतिरिक्त नकदी प्रवाह को बढ़ाने के लिए घोषित ताजा नीतिगत पैकेज की सराहना करते हुए वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि वे सरकारी बैंकों से उधारी दर कम करने के बारे में विचार करने को कहेंगे।

विशेष साक्षात्कार में वित्तमंत्री ने कहा कि वे चार नवंबर को दिल्ली में सार्वजनिक बैंकों के अध्यक्षों के साथ की बैठक में ब्याज दर में कटौती के मसले को उठाएँगे।

चिदंबरम ने कहा मैं रिजर्व बैंक के नीतिगत पैकेज की घोषणा को लेकर खुश हूँ। जब उसने 24 अक्टूबर को अपनी नीति की घोषणा की तो वायदा किया था कि अगर और भी नकदी बढ़ाने की आवश्यकता हुई तो वह त्वरित कार्रवाई करेगा।

वित्तमंत्री ने शनिवार को केन्द्रीय बैंक घोषित कदमों पर कहा कि मुझे खुशी है कि रिजर्व बैंक ने तत्परता के साथ कार्रवाई की है रिजर्व बैंक ने कल आर्थिक प्रणाली में 85 हजार करोड़ रुपए के अतिरिक्त नकदी प्रवाह को बढ़ाने के लिए रैपो दर में 0.5 प्रतिशत की कटौती करते हुए इसे 7.5 प्रतिशत कर दिया था, जबकि उसने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 100 आधार अंक अथवा एक प्रतिशत की कमी कर इसे 5.5 प्रतिशत तथा सांविधिक नकदी अनुपात में 100 आधार अंक यानी एक प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी। रैपो दर वह दर है, जिस पर केन्द्रीय बैंक बैंकों को उधार देता है।

वैश्विक वित्तीय संकट और अमेरिकी मंदी के मद्देनजर केन्द्रीय बैंक ने पहले ही अक्टूबर में 185000 करोड़ रुपए की नकदी प्रवाह को छोड़ा था। इस मंदी ने भारत में भी मंदी के आसार उत्पन्न कर दिए और इससे शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आया।

चिदंबरम ने कहा रिजर्व बैंक की नीतियाँ बैंकों को यह भी संकेत देती हैं कि वे अब ब्याज दर कम करने के बारे में विचार करें। उन्होंने कहा जब मैं चार नवंबर को सार्वजनिक उपक्रम के बैंकों के अध्यक्षों से मिलूँगा तो इस मामले को आगे बढ़ाऊँगा। उन्होंने कहा रिजर्व बैंक के ताजा पैकेज से उद्योग जगत एवं व्यापार विशेषकर लघु एवं मध्यम उपक्रम बेहद लाभान्वित होंगे।

साझा कोषों और गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियों के संकट मुक्ति संबंधी पैकेज की माँग जिनके ऋण अभी काफी महँगे हैं के प्रश्न के बारे में उन्होंने कहा मैं किसी विशेष दर की ओर संकेत नहीं करना चाहता, लेकिन यह 7.5 प्रतिशत से 300 आधार अंक ऊपर होना बैंकों के लिए पर्याप्त होगा।

रिजर्व बैंक के ताजा उपायों के कारण रैपो दर घटकर 7.5 प्रतिशत रह जाएगी, जबकि सीआरआर और एसएलआर घटकर क्रमशः 5.5 प्रतिशत और 24 प्रतिशत रह जाएगी।

वित्तमंत्री की सार्वजनिक उपक्रम के बैंकरों के साथ मंगलवार की बैठक से पहले प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह सोमवार को वित्तमंत्री पी. चिदंबरम के साथ उद्योग जगत की हस्तियों से मुलाकात कर रहे हैं, जिनमें रतन टाटा अंबानी बंधु के एम. बिड़ला और नंदन नीलेकणी इत्यादि शामिल हैं। यह बैठक आर्थिक विकास की गति तेज करने तथा सात से आठ प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रेरित है।

बैंकरों ने भी रिजर्व बैंक की पहल का स्वागत किया है, लेकिन वे अपनी उधारी दरों में तत्काल कटौती के बारे में प्रतिबद्धता व्यक्त करने से बच रहे हैं।

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