विश्व की सबसे बड़ी खुदरा कंपनी वालमार्ट ने अरबों डॉलर के भारतीय खुदरा बाजार में प्रवेश करने के लिए दो साल में लॉबिंग पर 52 करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च की है।
कंपनी ने इस संबंध में अमेरिका से मदद माँगी है। भारत में बहुब्रांड खुदरा कारोबार में विदेशी निवेश पर पाबंदी है।
अमेरिका स्थित वालमार्ट अमेरिकी सांसदों के साथ लॉबिंग कर रही है, ताकि अमेरिका भारत पर खुदरा क्षेत्र को विदेशी निवेश के लिए खोलने का दबाव बना सके और कंपनी को भारत में पाँव पसारने में मदद मिल सके।
भारत में वालमार्ट की उपस्थिति थोक व्यापार तक ही सीमित है, जिसके लिए उसने सुनील मित्तल की अगुआई वाले भारती समूह के साथ संयुक्त उद्यम लगाया है। वालमार्ट लंबे समय से भारतीय खुदरा बाजार में प्रवेश करने के लिए प्रयासरत है।
अमेरिकी सीनेट के समक्ष पेश लाबिंग डिसक्लोजर रिपोर्ट के मुताबिक वालमार्ट भारत से जुड़े मुद्दों पर दो साल में अब तक 52 करोड़ रुपए से अधिक धन खर्च कर चुकी है। अकेले 2010 की पहली तिमाही में कंपनी ने लाबिंग पर छह करोड़ रुपए से अधिक धन खर्च किया है। (भाषा)