सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्योगों के लिए गुणवत्ता मानक निर्धारित करने वाला आईएसओ प्रमाण-पत्र कारोबार के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है।
उद्योग विशेषज्ञों के मुताबिक आईएसओ प्रमाण-पत्र हासिल करने से छोटे उद्योगों के लिए वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिके रहना आसान होगा।
फ्लैंक्ट इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल आर. बैजल के मुताबिक लघु और मझौले उद्योग वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा का सामना करने वाले विनिर्माण क्षेत्र के मेरूदंड की तरह हैं, इसलिए इनके लिए आईएसओ प्रमाण-पत्र काफी मायने रखता है।
बैजल ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्योग की देश के निर्यात क्षेत्र में 30 फीसदी और औद्योगिक उत्पादन में 40 फीसदी हिस्सदोरी है। देश में इनकी संख्या 30 लाख के करीब है, जबकि बड़े उद्योग महज 2 हजार ही हैं। (वार्ता)