आईसीसी अध्यक्ष पद के लिए चुने गए डेविड मोर्गन ने स्वीकार किया क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था की छवि अच्छी नहीं है और जल्द से जल्द इस पर गौर करने की जरूरत है। मोर्गन अगले महीने रे माली से आईसीसी अध्यक्ष पद संभालेंगे। उन्होंने कहा कि यह ऐसा मसला है कि जिस पर हमें गौर करना होगा।
उन्होंने यहाँ कहा मैं नहीं मानता कि हर समय हम आदर्श तरीके से काम करते हैं, लेकिन निश्चित तौर पर हमें ऐसा करना चाहिए। मुख्य कार्यकारी मैलकम स्पीड का जिम्बाब्वे क्रिकेट की कथित वित्तीय अनिमियतताओं को सार्वजनिक करने के आईसीसी के इनकार के विरोध में समय से पहले पद छोड़ने से भी आईसीसी की छवि खराब हुई है।
स्पीड को पिछले सप्ताह छुट्टी पर भेज दिया गया और आईसीसी मैनेजर डेव रिचर्डसन को उनके पद का अस्थायी कार्यभार सौंपा गया। सीईओ पर पद नियुक्त हारून लोर्गट जुलाई में अपना पद संभालेंगे।
मोर्गन ने कहा कि स्पीड को कभी अपना पद छोड़ने के लिए नहीं कहा गया, बल्कि जिम्बाब्वे को लेकर आईसीसी के रवैये के कारण वह असहज महसूस कर रहे थे और इसलिए उन्होंने स्वयं हटने का फैसला किया।
मोर्गन ने कहा उन्हें हटने के लिए नहीं कहा गया। जिम्बाब्वे के मसले पर अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी में सहमति नहीं थी और इसमें कोई संदेह नहीं है। आप जानते हैं कि केपीएमजी रिपोर्ट को लेकर बोर्ड का फैसला क्या था। स्पीड उससे सहमत नहीं थे।
मोर्गन ने कहा कि पिछले साल कार्यकारी बैठक के बाद ही स्पीड और माली के रिश्तों में खटास पड़ गई थी। इस बैठक में लेखा रिपोर्ट पर कार्रवाई करने के खिलाफ फैसला लिया गया था। स्पीड ने फैसले के विरोध में बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन संबोधित करने से इनकार कर दिया था।
मोर्गन ने इसके अलावा खुलासा किया कि आईसीसी की वार्षिक बैठक लॉर्ड्स के बजाय दुबई में आयोजित करने का कारण भी जिम्बाब्वे ही है क्योंकि ब्रिटिश सरकार ने अभी तक जिम्बाब्वे क्रिकेट के प्रतिनिधि को वीजा देने के बारे में फैसला नहीं किया है।
आईसीसी के भावी अध्यक्ष ने कहा उन्होंने इस साल की वार्षिक बैठक के लिए हरारे में ब्रिटिश अधिकारियों को अपना आवेदन सौंप दिया था। उन्हें न तो वीजा दिया गया है और न ही इन्कार किया गया।
उन्होंने कहा आईसीसी ने बोर्ड की पिछली बैठक में फैसला किया था कि यदि चिंगोका को 15 अप्रैल तक वीजा नहीं मिलता है तो बैठक यहाँ (लॉर्ड्स) की बजाय दुबई में आयोजित की जाएगी।