सुनील गावस्कर ने कहा कि गौतम गंभीर के आईसीसी आचार संहिता के उल्लघंन के आरोप के मामले में फैसला करते समय मैच रैफरी को ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के उकसावे को भी ध्यान रखना चाहिए।
गंभीर और ऑस्ट्रेलिया के ऑलराउंडर शेन वॉटसन तीसरे टेस्ट के शुरुआती दिन आपसी बहस में उलझ गए थे इसके बाद इन दोनों पर आईसीसी आचार संहिता के अंतर्गत खेल भावना के उल्लघंन का आरोप लगाया गया।
गंभीर को रन लेते समय वॉटसन को कोहनी मारने के लिए आचार संहिता की धारा सी वन लेवल टू के तहत आरोपी तय किया गया, जबकि इस ऑस्ट्रेलियाई को सी वन लेवल वन के अपराध के तहत आरोपी ठहराया गया।
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की रणनीति की आलोचना करते हुए गावस्कर ने कहा कि गंभीर ने वॉटसन के उकसाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की।
गावस्कर ने कहा इस उकसावे को ध्यान में रखा जाना चाहिए। सिर्फ इस पर प्रतिक्रिया करने वाले खिलाड़ी को ही नहीं देखा जाना चाहिए।
इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि अगर भारत को ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को आउट करना है तो उन्हें अपने क्षेत्ररक्षण को मजबूत करने के लिए अलग योजना पर विचार करना चाहिए।