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क्रिकेट बोर्ड पर बेदी का सीधा वार

गुलामी की मानसिकता से पीड़ित है बोर्ड

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नई दिल्ली (वार्ता) , मंगलवार, 7 अगस्त 2007 (20:16 IST)
भारत के पूर्व कप्तान बिशनसिंह बेदी का मानना है कि आजादी के 60 साल बाद भी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के गुलामी की मानसिकता से पीड़ित होने के कारण विदेशी कोच की तलाश चल रही है।

बेदी ने कहा कि भारतीय टीम के कोच के रूप में किसी विदेशी शख्स की तलाश में बीसीसीआई पूरे जोर-शोर से लगी हुई है। बीसीसीआई ने भारतीय कोच को टीम इंडिया के लिए अच्छा न मानकर विदेशी कोच की नियुक्ति की जिद ठान ली है।

अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए मशहूर इस पूर्व स्पिन गेंदबाज ने कहा कि बीसीसीआई का यह रवैया गोरी चमड़ी के प्रति हमारी गुलाम मानसिकता को प्रदर्शित करने के लिए काफी है। गौरतलब है कि बोर्ड भारतीय टीम के लिए विदेशी कोच रखने की प्रबल इच्छा जता चुका है।

बेदी ने भारत के पिछले कोच पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ग्रेग चैपल द्वारा कोलकाता के दर्शकों को अँगुली दिखाने की घटना का उल्लेख करता हुआ कहा कि कोई भी आकर हमें अँगुली दिखा सकता है और हमारे देश का अपमान करता है लेकिन हम बस मूकदर्शक बने रहते हैं।

ईडन गार्डन्स के दर्शकों द्वारा हूट किए जाने के बाद चैंपल ने जिस तरह से उन्हें अँगुली दिखाई वह सरासर गलत था। इस प्रकरण में कप्तान राहुल द्रविड़ की चुप्पी पर भी बेदी ने निशाना साधा। उन्होंने कहा जब मैंने द्रविड से इसके बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि चैपल की अँगुली चोटिल थी तथा इसमें कोई और बात नहीं थी।

उनके इस बयान पर मैं तो बस हँस ही सका। दरअसल हम लोगों के भीतर आत्म सम्मान ही नहीं है। उन्होंने नवगठित इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) के प्रति बीसीसीआई के रवैये की भी आलोचना करते हुये कहा कि खिलाड़ियों को निशाना बनाने के पहले बोर्ड को अपना घर दुरुस्त करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि क्रिकेट कोई निजी खेल नहीं है और किसी खिलाड़ी के लीग से जुड़ने पर रोक लगाने का बोर्ड को हक नहीं है। गौरतलब है कि बोर्ड के सचिव निरंजन शाह ने कुछ दिनों पहले कहा था कि आईसीएल से जुड़ने वाले खिलाड़ियों आजीवन प्रतिबंध लग जाएगा और वे कभी भी 'टीम इंडिया' का हिस्सा नहीं बन पाएँगे।

बोर्ड के इस रवैये पर कड़ा ऐतराज जताते हुए बेदी ने कहा कि क्या कोई कर्मचारी अपनी इच्छा से नौकरी नहीं बदल सकता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। आखिर बोर्ड किसी खिलाड़ी को कैसे प्रतिबंधित कर सकता है।

हालांकि जब बेदी से यह पूछा गया कि क्या वह भी कई पूर्व खिलाड़ियों की तरह लीग से जुड़ना चाहेंगे तो इस पूर्व स्पिन गेंदबाज ने कहा कि वह इस ढाँचे में अपने आपको फिट नहीं कर पाएँगे। उन्होंने आईसीएल को कैरी पैकर शो की तरह न मानते हुए कहा कि बोर्ड को इससे भयभीत नहीं होना चाहिए।

भारत और इंग्लैंड के खिलाफ चल रही टेस्ट श्रृंखला में स्लेजिंग की कई घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर बेदी ने कहा कि क्रिकेट सभ्य लोगों का खेल है और इस उसी तरह खेला जाना चाहिए। मेरे खेलने के दौरान इस तरह की घटनाएँ नहीं सुनी गई थीं। लेकिन ऐसा नहीं है कि भारत के खिलाड़ी मेमने हैं। उन्होंने भी स्लेजिंग किया है।

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