क्रिकेट में 'मैच फिक्सिंग' का काला इतिहास
सट्टेबाजी की दहशत से भरा रहा वर्ष 2000
* दिल्ली पुलिस ने अप्रैल 2000 में दक्षिण अफ्रीका के कप्तान हैंसी क्रोन्ये को भारत के खिलाफ मार्च में हुए मैच में फिक्सिंग के लिए आरोपी बनाया। क्रोन्ये और सट्टेबाज के बीच हुई बातचीत का खुलासा हुआ। जिसके आधार पर हर्शल गिब्स, पीटर स्ट्रायडम और निकी बोए के नाम भी सामने आए। क्रोन्ये इससे इंकार करते रहे, लेकिन कुछ ही दिनों बाद उन्होंने अपराध स्वीकार लिया।
* दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच सेंचुरियन में जनवरी में खेले गए विवादास्पद टेस्ट की दक्षिण अफ्रीकी बोर्ड ने अप्रैल 2000 में जाँच के आदेश दिए। इस टेस्ट का निर्णय केवल एक ही पारी के आधार पर हुआ था, जिसमें दक्षिण अफ्रीका हारा था।
* दक्षिण अफ्रीकी अंपायर रूडी कोएर्त्जन और सी. मिचेल ने खुलासा किया कि उन्हें कई बार गलत निर्णय देने के लिए पैसों का प्रस्ताव मिला।
* भारत सरकार ने अप्रैल 2000 में मैच फिक्सिंग में किसी भारतीय की संलिप्तता की जाँच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी।
* अप्रैल 2000 में एक समाचार पत्र ने खुलासा किया कि 1992 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान श्रीलंका के तीन खिलाड़ियों रोशन महानामा, असांका गुरुसिंघे और सनथ जयसूर्या को भारतीय सट्टेबाज ने धन का प्रस्ताव दिया था। श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि खिलाड़ियों ने यह प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया था।
* क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने मई 2000 में मैच फिक्सिंग के आरोपों की जाँच के लिए स्वतंत्र जाँच एजेंसी नियुक्त की। हालाँकि बोर्ड ने शेन वॉर्न और मार्क वॉ द्वारा 1994 के श्रीलंका दौरे के दौरान पिच और मौसम की जानकारी सट्टेबाजों को देने के मामले की पुनः जाँच से इंकार कर दिया। इस मामले में दोनों पर जुर्माना किया जा चुका था।
* पाकिस्तान में जस्टिस कय्यूम के एक सदस्यीय न्यायिक आयोग ने मई 2000 में अपनी जाँच में कप्तान सलीम मलिक और तेज गेंदबाज अता उर रहमान को फिक्सिंग मामले में दोषी पाया और आजीवन प्रतिबंध की सिफारिश की। उन्होंने वसीम अकरम और मुश्ताक अहमद को कभी भी कप्तान न बनाने की भी सिफारिश की।
* दक्षिण अफ्रीका के हर्शल गिब्स ने जून 2000 में स्वीकार किया कि कप्तान क्रोन्ये ने उन्हें भारत दौरे पर एक वन-डे मैच में 20 से कम रन बनाने के लिए 15 हजार डॉलर दिए थे।
* जून 2000 में क्रोन्ये ने आरोप लगाया कि पूर्व भारतीय कप्तान मो. अजहरुद्दीन ने ही उन्हें सट्टेबाज से मिलवाया। जिसने उन्हें 1996 के भारत दौरे पर टेस्ट हारने के लिए धन का प्रस्ताव दिया था।
* सरकार की मैच फिक्सिंग के खिलाफ जाँच में नाम आने पर कपिल देव ने सितंबर 2000 में भारतीय टीम का कोच पद छोड़ा।
* एक सट्टेबाज ने अक्टूबर 2000 में सीबीआई के सामने ब्रायन लारा, डीन जोंस, एलेक स्टुवर्ट, अर्जुन रणतुंगा, अरविंद डिसिल्वा, मार्टिन क्रो और सलीम मलिक के नाम लिए। सीबीआई की रिपोर्ट में मो. अजहरुद्दीन पर अजय जड़ेजा और नयन मोंगिया की मदद से मैच फिक्स करने का आरोप लगा। हालाँकि कपिल के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।
* नवंबर 2000 में अजहरुद्दीन को मैच फिक्सिंग का दोषी पाया गया। अजय जड़ेजा, मनोज प्रभाकर, अजय शर्मा और टीम के फिजियो अली ईरानी को सट्टेबाजों से संपर्क का दोषी पाया गया। बाद में इन सभी पर बीसीसीआई द्वारा प्रतिबंध लगाए गए। हालाँकि कुछ वर्षों बाद कोर्ट ने जड़ेजा पर से प्रतिबंध हटाने का आदेश दिया।
* केन्या के मॉरिस ओडुम्बे पर सट्टेबाजी में शामिल होने के आरोप में अगस्त 2004 में पाँच वर्ष का प्रतिबंध लगा।
* ऑस्ट्रेलियाई टीम प्रबंधन ने अगस्त 2009 में किसी संदिग्ध सट्टेबाज द्वारा खिलाड़ियों से संपर्क के प्रयास की शिकायत दर्ज कराई। इस समय ऑस्ट्रेलिया ने लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ एशेज टेस्ट हारा था।
* बांग्लादेश के कप्तान शकीब अल हसन ने मई 2010 में खुलासा किया कि मार्च 2008 में आयरलैंड के खिलाफ मैच के दौरान किसी संदिग्ध व्यक्ति ने उनसे संपर्क का प्रयास किया था। (नईदुनिया)