भारतीय कोच गैरी कर्स्टन ने क्षेत्ररक्षण में अपनी टीम की खामियों को स्वीकार करते हुए शनिवार को कहा कि ऑस्ट्रेलिया के उपकप्तान माइकल क्लार्क का कैच छोड़कर भारत ने टेस्ट जीतने का मौका गँवा दिया।
कर्स्टन ने यहाँ चल रहे तीसरे क्रिकेट टेस्ट के चौथे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा कि ईशांत शर्मा से क्लार्क का महत्वूपर्ण कैच छूटना भारत के लिए खासा महँगा साबित हुआ। ईशांत ने शानदार 112 रन बनाने वाले क्लार्क का जब अमित मिश्रा की गेंद पर कैच छोड़ा, उस समय उन्होंने सिर्फ 21 रन बनाए थे।
कर्स्टन ने कहा अगर ईशांत ने क्लार्क का वह कैच लपक लिया होता तो मैच का नजारा कुछ और ही होता। हालाँकि क्लार्क के हमने दो और कैच भी टपकाए, लेकिन उस समय तक वे ऑस्ट्रेलिया को सुरक्षित स्थिति में पहुँचा चुके थे।
कर्स्टन ने कहा आपको टेस्ट जीतने के लिए मौके बनाने पड़ते हैं और हम ऐसा नहीं कर पाए। सुबह हमें एक-दो मौके मिले थे, लेकिन हम उन्हें अपने पक्ष में नहीं कर पाए। इसके अलावा हमारी गेंदबाजी भी विपक्षी बल्लेबाजों पर किसी तरह का दबाव बना पाने में नाकाम रही।
इसके साथ ही उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों खासकर क्लार्क की तारीफ करते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने मैच में शानदार वापसी की है। क्लार्क और अन्य खिलाड़ियों ने बढ़िया बल्लेबाजी की, जिसकी वजह से हम पर्याप्त बढ़त नहीं ले पाए। यह पिच बल्लेबाजी के लिहाज से अब भी अच्छी है।
भारतीय कोच ने ऑस्ट्रेलिया के पाँच विकेट झटकने वाले पार्ट टाइम स्पिनर वीरेंद्र सहवाग को बढ़िया अच्छा गेंदबाज बताते हुए कहा कि उन्होंने अपनी गेंदों को मेहमान टीम को खासा परेशान किया।
भारतीय कोच अपने कप्तान अनिल कुंबले के जज्बे और जोश से काफी प्रभावित नजर आए। उन्होंने कहा हाथ की अँगुली में गंभीर चोट लगने के बावजूद कुंबले ने गेंदबाजी कर दर्शा दिया कि वे एक चैंपियन और खास दर्जे के खिलाड़ी हैं। वे शानदार टीम मैन हैं और चोटिल हाथ के बावजूद पीछे दौड़कर कैच पकड़ना खेल के प्रति उनकी जबर्दस्त प्रतिबद्धता दर्शाता है।
क्लार्क द्वारा टीम इंडिया को रक्षात्मक कहे जाने पर कर्स्टन ने कहा मैं विपक्षी टीम पर प्रतिक्रिया नहीं देता। मेरा काम भारतीय टीम के खेल पर ध्यान देना है।