ट्वेंटी-20 विश्व कप से बाहर होने के कारणों को लेकर भारतीय शिविर में मतभेद बरकरार हैं और कप्तान महेंद्रसिंह धोनी ने जोर देते हुए कहा कि थकान इस खराब प्रदर्शन का कारण नहीं थी।
कोच गैरी कर्स्टन ने अत्यधिक क्रिकेट और इंडियन प्रीमियर लीग को टी-20 विश्व कप से बाहर होने का दोषी ठहराया, लेकिन धोनी आईपीएल मुद्दे पर टीम कोच से अलग राय रखते हैं। हालाँकि उन्होंने स्वीकार किया कि उनके कुछ खिलाड़ी शत-प्रतिशत फिट नहीं थे।
कर्स्टन ने कल कहा था हमारे भीतर उतनी ऊर्जा नहीं थी जितनी न्यूजीलैंड में थी। जब हम यहाँ पहुँचे तो हम थके हुए थे। हम जनवरी से लगातार दौरे पर थे। हमारे कई क्रिकेटरों को टूर्नामेंट के दौरान चोट लगी। आईपीएल में लगी चोट के कारण वे क्रिकेट से कट गए।
लेकिन धोनी ने बिलकुल उलटा पक्ष रखते हुए कहा कि टीम के इस तरह से बाहर होने का थकान से कुछ लेना-देना नहीं है।
उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के हाथों बीती रात मिली 12 रन की शिकस्त के बाद कहा कि निश्चित रूप से कुछ खिलाड़ी ही शत-प्रतिशत फिट थे। कुछ के टखने और कुछेक को कंधे में चोट थी। इसलिए वे मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे सके, लेकिन मैं निश्चित नहीं हूँ कि इसका कारण थकान थी। अब आपके पास रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम है, जिससे आप जल्द ही शत-प्रतिशत फिटनेस हासिल कर सकते हो।
धोनी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मैं थका हुआ था। आपको 20 ओवर खेलने होते हैं तो क्या आप इतना नहीं खेल सकते? यह श्रीलंका दौरे जैसा नहीं था, जहाँ पर मुझे लगा था कि मुझे ब्रेक की जरूरत है इसलिए मैं नहीं खेला था। ऐसा तब हुआ था जब मैं थका हुआ था। यहाँ पर मैं इसके (थकान) के करीब भी नहीं था।
उन्होंने कहा कि उनकी टीम खेल के सभी विभागों में एक इकाई के रूप में क्लिक होने में असफल रही हालाँकि उन्होंने बल्लेबाजी में मिली असफलता को सबसे निराशाजनक करार दिया।
उन्होंने कहा कि हमने एक टीम की तरफ प्रदर्शन नहीं किया। हम करीब 80 प्रतिशत तक एकजुट प्रदर्शन करने के आदी हैं। यहाँ यह 60 प्रतिशत भी नहीं हो सका।
धोनी ने कहा कि महत्वपूर्ण खिलाड़ी फॉर्म में नहीं थे इसमें मैं भी शामिल था। हमारी बल्लेबाजी खराब रही और इससे दुख होता है क्योंकि हम बल्लेबाजी के लिए मशहूर हैं। अगर तीन गेंदबाज अच्छा करते तो अन्य असफल होते। अगर कुछ बल्लेबाज चलते तो अन्य कामयाब नहीं हो पाते। कुछ खिलाड़ियों ने अच्छा किया, लेकिन एक ईकाई के रूप में हमने अच्छा नहीं किया।
कर्स्टन ने सुझाव दिया था कि अगर महत्वपूर्ण टूर्नामेंटों और श्रृंखला के लिए गंभीर तैयारी की जानी है तो खिलाड़ियों को आईपीएल से बाहर होना पड़ेगा। कोच के इस विचार पर टिप्पणी करते हुए धोनी ने कहा कि आप बाहर हो सकते हो। यह प्रत्येक खिलाड़ी का अधिकार है।
धोनी ने एक ऐसी स्थिति के बारे में सुझाव दिया जिसमें क्रिकेटर एक महीने का ब्रेक लेने के बाद फिर अपने प्रिय खेल में वापसी कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आपको खुद पर ध्यान देना होगा। क्रिकेटरों को फिटनेस के लिए भी समय निकालना होगा क्योंकि अगर उन्हें टीम से बाहर किया जाता है तो फिर वापसी में तीन से छह महीने का समय लग सकता है। तीन महीने के बाहर होने के बजाय एक महीने का समय लो जिससे आप फिट रहोगे।