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गावस्कर और कपिल के बाद अब सचिन

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अहमदाबाद , मंगलवार, 22 मार्च 2011 (20:09 IST)
सुनील गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में 10000 रन पूरे करने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज और कपिल देव कभी सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज इसी मैदान पर बने थे।

हम बात कर रहे हैं मोटेरा के सरदार पटेल स्टेडियम की जो अब निश्चित तौर पर भारतीय क्रिकेट की तीसरी महान हस्ती सचिन तेंडुलकर के 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक का भी गवाह बनना चाहेगा।

तेंडुलकर को इसके लिए अब केवल एक शतक की दरकार है और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गुरुवार को होने वाले विश्वकप क्वार्टर फाइनल में वह यह इंतजार खत्म करके क्रिकेट इतिहास में नया अध्याय जोड़ने की पूरी कोशिश करेंगे। तेंडुलकर ने वैसे भी वन डे में सर्वाधिक नौ शतक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही बनाए हैं।

भारतीय खिलाड़ियों की रिकॉर्ड उपलब्धियों से मोटेरा का नाम वर्ष पहले से जुड़ना शुरू हो गया था। यह वह दौर था जब इसे गुजरात स्टेडियम के नाम से जाना जाता था। वह सात मार्च 1987 का दिन था जब गावस्कर ने यहाँ पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के चौथे मैच में अपनी 63 रन की पारी के दौरान 58वाँ रन पूरा करते ही टेस्ट क्रिकेट में नया इतिहास रचा था।

गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में एवरेस्ट माने जाने वाले 10000 रन बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए थे। इसके बाद एलन बोर्डर, स्टीव वा, ब्रायन लारा, तेंडुलकर, रिकी पोंटिंग, राहुल द्रविड़ और जाक कैलिस भी इस मुकाम पर पहुँच गए, लेकिन बकौल गावस्कर ‘यूँ तो एवरेस्ट को कई लोग फतह कर चुके हैं, लेकिन लोग एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नोर्गे को ही जानते हैं जो सबसे पहले एवरेस्ट पर पहुँचे थे।’

कपिल ने इससे लगभग दस साल पहले नवंबर 1983 में इसी मैदान पर वेस्टइंडीज के खिलाफ 83 रन देकर नौ विकेट लिए थे जो उनका टेस्ट क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन है।

वैसे तेंडुलकर की भी इस मैदान से कुछ खास उपलब्धियाँ जुड़ी हुई हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपना पहला दोहरा शतक मोटेरा के मैदान पर ही लगाया था। तेंडुलकर ने 30 अक्टूबर 1999 को न्यूजीलैंड के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की थी। तब उन्होंने 217 रन की पारी खेली थी।

यही नहीं मास्टर ब्लास्टर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 20 साल मोटेरा पर ही पूरे किए थे। उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 16 नवंबर 2009 को क्रीज पर कदम रखते ही यह उपलब्धि हासिल की थी। उन्होंने इसी मैच की दूसरी पारी में नाबाद 100 रन बनाकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 30000 रन भी पूरे किए थे। (भाषा)

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