इरफान पठान और हरभजन सिंह ने पिछले सत्र में कोई टेस्ट मैच नहीं खेला और कुछ एकदिवसीय मैच खेले, लेकिन भारतीय क्रिकेट बोर्ड की पुरानी ग्रेडेड प्रणाली जारी रखने के फैसले के कारण इन दोनों के बैंक बैलेंस में इस सत्र में 50 लाख रुपए जुड़ जाएँगे।
मुरली कार्तिक ने तो अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच लगभग डेढ़ साल पहले छह फरवरी 2006 को पाकिस्तान के खिलाफ पेशावर में एकदिवसीय मैच के रूप में खेला था, लेकिन बोर्ड की कृपा से उनके खाते में भी 20 लाख रुपए की धनराशि जाएगी।
बीसीसीआई की खिलाड़ियों से अनुबंध करने की लेटलतीफी और फिर पुराना ग्रेडेड अनुबंध जारी रखने के फैसले ने जहाँ कुछ खिलाड़ियों की चाँदी कटेगी वहीं कुछ खिलाड़ियों को नुकसान भी होगा। नुकसान में रहने वाले खिलाड़ियों में युवराज सिंह, महेंद्रसिंह धोनी और जहीर खान प्रमुख हैं क्योंकि यदि नए सिरे से ग्रेडेड अनुबंध तैयार किया जाता तो इन्हें निश्चित तौर पर 'ए' ग्रुप में रखा जाता।
यही नहीं पिछले एक सत्र में काफी अच्छा प्रदर्शन करने वाले दिनेश कार्तिक, वसीम जाफर, रमेश पोवार जैसे खिलाड़ियों का तो इस अनुबंध का लाभ ही नहीं मिलेगा। बोर्ड ने 2005-06 के लिए जो अनुबंध तैयार किया था उसके अनुसार गुप 'ए' के खिलाड़ी को सालाना 50 लाख रुपए ग्रुप 'बी' के खिलाड़ी को 35 लाख और ग्रुप 'सी' के खिलाड़ी को 20 लाख रुपए मिलेंगे।
बोर्ड के कोषाध्यक्ष एन श्रीनिवासन के अनुसार खिलाड़ी इससे खुश हैं। उन्होंने कहा कि हमने सीनियर खिलाड़ियों द्रविड़, तेंडुलकर, गांगुली और कुंबले से बात करके इसे मंजूरी दी है। खिलाड़ी इससे खुश हैं।
सहवाग, हरभजन और पठान ने पिछले सत्र में काफी लचर प्रदर्शन किया और उन्हें इसलिए इंग्लैंड दौरे के लिए टीम में नहीं चुना। इन तीनों खिलाड़ियों को 2005-06 के प्रदर्शन के आधार पर ग्रुप 'ए' में रखा गया था जिसका लाभ उन्हें इस सत्र में भी मिलेगा।
सहवाग ने 2006-07 में 17 वनडे में 389 रन और तीन टेस्ट में 89 रन बनाए। हरभजन और पठान दोनों ने टेस्ट मैच नहीं खेले। हरभजन ने इस बीच 19 वनडे में 16 विकेट लिए, जबकि पठान नौ वनडे 148 रन बनाने के अलावा सात विकेट ही हासिल कर पाए।
इन्हीं की तरह मोहम्मद कैफ ग्रुप 'बी' में हैं और 35 लाख रुपए सालाना पाने के हकदार हैं, लेकिन पिछले सत्र में उन्होंने केवल छह वनडे खेले जिसमें 80 रन बनाए। इस सत्र में मुरली कार्तिक की बजाय दिनेश कार्तिक के नाम की धूम रही, लेकिन ग्रेडेड अनुबंध का लाभ स्पिनर मुरली को मिलेगा न कि विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश को।
मध्यक्रम के बल्लेबाज सुरेश रैना और सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को पिछले साल मई में ग्रेडेड प्रणाली में शामिल किया गया था। रैना ने इसके बाद केवल दस वनडे खेले और उनमें 131 रन बनाए। कैफ की तरह उन्होंने भी अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच सात महीने पहले खेला था। गंभीर अंदर बाहर होने के बाद फिलहाल टीम में हैं।
युवराज और धोनी पिछले साल एकदिवसीय ही नहीं टेस्ट मैचों में भी अच्छा प्रदर्शन करते रहे, लेकिन इन दोनों को ग्रुप 'बी' में ही रखा गया है। अजीत अगरकर भी इस ग्रुप में हैं जो सत्र में अंदर-बाहर होते रहे।
जहीर खान ने पिछले साल दक्षिण अफ्रीकी दौरे से शानदार वापसी की और इसके बाद वह लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे, लेकिन टीम का मुख्य तेज गेंदबाज होने के बावजूद उन्हें ग्रुप 'सी' क्रिकेटर से ही संतोष करना पड़ेगा।
यदि बोर्ड नया अनुबंध करता तो निश्चित तौर पर कुछ खिलाड़ियों के ग्रेड बढ़ते तो कुछ इससे बाहर हो जाते। कार्तिक को अनुबंध से हटाया जा सकता था। पठान के साथ भी यही रवैया अपनाए जाने की संभावना थी, जबकि सहवाग और हरभजन के ग्रेड कम किए जा सकते थे।
युवराज धोनी और जहीर जहाँ ग्रुप 'ए' में आ सकते थे वहीं श्रीसंत को ग्रुप 'बी' में रखा जा सकता था। इसके अलावा जाफर, दिनेश कार्तिक और पोवार ग्रेडेड खिलाड़ी बन सकते थे। कप्तान राहुल द्रविड़, सचिन तेंडुलकर, अनिल कुंबले, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली के गेड में हालाँकि कोई बदलाव होने की संभावना नहीं थी। ये सभी ग्रुप 'ए' के खिलाड़ी हैं।
बोर्ड के नियमों के अनुसार जो खिलाड़ी अनुबंध में शामिल नहीं हैं उन्हें प्रत्येक एकदिवसीय की मैच फीस ढाई लाख अंतिम एकादश और अनुबंधित खिलाड़ियों को एक लाख 60 हजार रुपए मिलेगी। रिजर्व खिलाड़ी को इसकी 50 प्रतिशत राशि मिलती है।
इसी तरह टेस्ट मैचों में जिन खिलाड़ियों का बोर्ड से अनुबंध नहीं हैं उन्हें तीन लाख 20 हजार अंतिम एकादश में शामिल और रिजर्व को एक लाख 60 हजार तथा अनुबंधित खिलाड़ियों को दो लाख 20 हजार और रिजर्व को एक लाख दस हजार रुपए प्रति टेस्ट मैच मिलते हैं।