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जिमखाना क्रिकेट अकादमी का शुभारंभ

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मुंबई (वार्ता) , रविवार, 16 दिसंबर 2007 (10:51 IST)
भारतीय जमीन पर खेले गए पहले क्रिकेट टेस्ट के प्लेटिनम जुबली वर्ष के उपलक्ष्य में मुंबई जिमखाना क्रिकेट अकादमी का शुभारंभ हुआ।

जिमखाना मैदान पर शुरू हुई इस अकादमी का संचालन मुंबई के पूर्व रणजी खिलाड़ी जुबिन भरूचा करेंगे। इस कार्य में पूर्व टेस्ट क्रिकेटर नरेन्द्र हिरवानी और समीर दिघे भी उनकी मदद करेंगे।

भारत और इंग्लैंड के बीच भारतीय जमीन पर पहला टेस्ट मुंबई जिमखाना मैदान पर ही वर्ष 1933 में 15 से 18 दिसंबर के बीच खेला गया था। यह मैच समूचे एशिया में आयोजित पहला टेस्ट था। उस मैच में भारत लाला अमरनाथ के शतक के बावजूद नौ विकेट से परास्त हो गया था।

इस ऐतिहासिक टेस्ट के 75 वर्ष पूरा करने पर अगले वर्ष 15 दिसंबर से इंग्लैंड की एममसीसी टीम और मुम्बई जिमखाना एकादश के बीच एक प्रदर्शन मैच खेले जाने की घोषणा की गई।

मुम्बई जिमखाना की ओर से पूर्व टेस्ट क्रिकेटर यादवेन्द्रसिंह ने कहा कि इस मौके पर भारतीय टीम के कप्तान रहे सभी खिलाड़ियों को सम्मानित किए जाने की भी योजना है।

एक टेस्ट मैच में किसी भी गैरविकेटकीपर खिलाड़ी द्वारा सर्वाधिक सात कैच पकड़ कर विश्व रिकॉर्ड की बराबरी करने वाले यादवेन्द्र ने कहा कि प्लेटिनम जुबली वर्ष के अर्न्तगत ही रविवार को इस मैदान पर इंग्लैंड की सॉमरसेट काउंटी टीम और मुम्बई जिमखाना एकादश के बीच 45-45 ओवरों का एक मैच भी आयोजित किया जाएगा।

इस अवसर पर पूर्व कप्तान नारी कांट्रेक्टर ने कर्नल सी.के.नायडू से जुड़े अपने संस्मरण सुनाते हुए कहा कि वह छक्का मारने वाले देश के पहले विशेषज्ञ थे। उन्होंने वर्ष 1926 में इसी मैदान पर एमसीसी के खिलाफ हिन्दू जिमखाना टीम की ओर से खेलते हुए सिर्फ 90 मिनट में 11 छक्के और 14 चौकों के साथ 155 रन ठोंक डाले थे।

कांट्रेक्टर ने कहा कि कर्नल नायडू के प्रदर्शन से अचम्भित एमसीसी टीम ने उन्हें चाँदी का एक बल्ला भेंट किया था। उस मैच के बाद ही टेस्ट क्रिकेट में भारत के पदार्पण का रास्ता साफ हो गया।

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