टेस्ट इतिहास में 13 हजार रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज राहुल द्रविड़ का कहना है कि क्रिकेट के लंबे प्रारूप में दर्शकों को स्टेडियम तक खींचने के लिए डे-नाइट टेस्ट मैचों पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए और साथ ही वनडे मैचों की संख्या में कटौती की जानी चाहिए।
द्रविड ने वार्षिक ब्रैडमैन व्याख्यान में इस बात पर बल दिया कि टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए डे-नाइट टेस्ट एक अच्छा विचार हो सकता है।
उन्होंने साथ ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से आग्रह किया कि ऐसे वनडे मैचों की संख्या में कटौती की जाए, जिनका कोई खास महत्व नहीं है। इसके बजाए विश्वकप जैसे बड़े टूर्नामेंटों के वनडे मैचों पर ज्यादा ध्यान दिया जाए।
ब्रैडमैन व्याख्यान देने वाले पहले विदेशी खिलाड़ी द्रविड़ ने कहा कि खेलों के तीनों प्रारूपों के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाना चाहिए ताकि इस खेल के सामने आ रही चुनौतियों से निपटा जा सके। ब्रैडमैन व्याख्यान वर्ष 2000 से आयोजित किया जा रहा है।
क्रिकेट की दुनिया में 'द वॉल' के नाम से मशहूर द्रविड़ ने कहा यह स्पष्ट है कि खेल के तीनों प्रारूप समान स्तर पर एक साथ नहीं खेले जा सकते लेकिन यह भी ध्यान देना होगा कि इसमें से कोई भी प्रारूप दम न तोड़ जाए।
उन्होंने साथ ही कहा क्रिकेट को बचाने के लिए एक बीच का रास्ता ढूंढना होगा। हमें खिलाड़ियों को ऐसे व्यस्त कार्यक्रम में झोंकने से बचाना होगा, जहां दो टेस्ट के साथ-साथ सात वनडे और कुछ ट्वेंटी-20 मैच झोंक दिए जाते हैं। (वार्ता)