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पाकिस्तान ही नहीं भारत भी असुरक्षित है:क्रो

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न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान मार्टिन क्रो ने कहा कि पिछले साल मुंबई और दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों में आतंकी हमले के कारण भारत भी पाकिस्तान की तरह दौरों के लिए असुरक्षित देश बन गया है।

क्रो ने कहा कि अब समय आ गया है जबकि क्रिकेट जगत को यह स्वीकार करना चाहिए कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जहाँ का दौरा नहीं किया जा सकता। यह उनके प्रतिभाशाली शीर्ष क्रिकेटरों के लिए दु:खद है, लेकिन पाकिस्तान पूरी तरह से असुरक्षित है और वहाँ फिर खेलने का विचार छोड़ देना चाहिए।

क्रो ने एक स्थानीय दैनिक में लिखा कि लेकिन वह ऐसा अकेला देश नहीं है। पिछले साल मई में जब मैं आईपीएल रॉयल चैलेंजर्स टीम के साथ जयपुर गया तो उससे 24 घंटे पहले वहाँ तीन मिनट के अंदर आठ बम विस्फोट हुए थे, जिसमें 100 लोग और पर्यटक मारे गए थे।

हमें एक दिन बाद खाली स्टेडियम और 3000 सैनिकों के सामने मैच खेलने के लिए मजबूर किया गया। खेलने के लिए कहना मजाक और जिन्होंने अपनी जान गँवाई, उनके परिजनों का अपमान था।

इसलिए आप केवल पाकिस्तान को ही अलग नहीं मासकतै, भारत में भी नियमित तौर पर आतंकी हमले होते रहे हैं। पिछले साल भारत के प्रमुख शहरों जैसे कि नवंबर में मुंबई, जुलाई में बेंगलुरु और सितंबर में दिल्ली में बम विस्फोट हुए।

आईपीएल के दौरान पूरे भारत का दौरा करते हुए सबसे बुरा और डरावना पहलू यही था कि जब होटल से बाहर निकल जाते हो तो आपका किसी भी चीज पर नियंत्रण नहीं रहता। एक बार जब आप सड़क के रास्ते यात्रा शुरू कर देते हो तो आपको हर जगह पर रुकावट और प्रत्येक चौराहे पर ट्रैफिक जाम से गुजरना पड़ेगा।

पूर्व कीवी कप्तान ने स्वीकार किया कि दुनिया में किसी भी स्थान पर आतंकी हमला हो सकता है लेकिन उपमहाद्वीप में इसकी संभावना अधिक है। उन्होंने कहा कि ऐसी दशा में यहाँ तक कि सबसे मशहूर सचिन तेंडुलकर तक भी छर्रों या काँच के टुकड़ों से गंभीर रूप से घायल या विकलांग हो सकते हैं।

क्रो ने कहा हाँ यह लंदन या पेरिस या मैड्रिड में हो सकता है जैसे कि न्यूयॉर्क जैसे सुरक्षित शहर में हो गया था लेकिन वास्तविकता यह है कि पिछली घटनाओं से उपमहाद्वीप अधिक असुरक्षित है।

श्रीलंकाई क्रिकेटरों पर हमले के बाद अब कोई भी पाकिस्तान पर विश्वास नहीं करेगा। सारांश यही है कि कोई भी ऐसे माहौल में किसी पर विश्वास नहीं करेगा। इसमें अब गारंटी जैसे शब्द के लिए जगह नहीं रह गई है।

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