क्रिकेट के बादशाह, रन मशीन और रिकॉर्ड मास्टर जैसी कई उपमाओं से अलंकृत सचिन तेंडुलकर ने आज अपना 35वाँ जन्मदिन मनाया। करीब दो दशक से भारतीय बल्लेबाजी की धुरी रहे इस मास्टर बल्लेबाज का जलवा उम्र के इस पड़ाव पर भी बदस्तूर जारी है।
डॉन ब्रैडमेन के बाद क्रिकेट के इतिहास के सबसे यशस्वी बल्लेबाज माने जाने वाले तेंडुलकर ने पिछला जन्मदिन घर में अपने परिवार के साथ चुपचाप मनाया था। उसी दौरान भारत विश्व कप के पहले ही दौर से बाहर हुआ था और भारतीय क्रिकेट टीम आलोचकों की कोपभाजन बनी हुई थी।
लेकिन क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा रन अपने नाम लिख चुके तेंडुलकर ने भारतीय क्रिकेट को संकट के उस दौर से उबारने में महती भूमिका निभाई। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनका बल्ला चला और आलोचकों के मुँह पर ताले लग गए जो उनका बोरिया-बिस्तर बाँधने की बातें कर रहे थे।
ऑस्ट्रेलिया में त्रिकोणीय श्रृंखला में भारत की पहली जीत का सेहरा इसी दिग्गज के सिर बँधा। टेस्ट श्रृंखला में भी भारतीय टीम ने विश्व चैम्पियन को काँटे की टक्कर दी तो इसमें तेंडुलकर का योगदान अहम रहा।
टेस्ट क्रिकेट में 39 और वनडे में 42 शतक बना चुके तेंडुलकर के नाम वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन है। टेस्ट क्रिकेट में वह ब्रायन लारा से कुछ कदम ही पीछे हैं।
तेंडुलकर के जन्मदिन पर एक ही खबर निराश करने वाली है कि वे अभी तक अपनी फिटनेस समस्याओं से उबर नहीं सके हैं।
मौजूदा इंडियन प्रीमियर लीग के पहले दो मैच वे चोट के कारण नहीं खेल सके। वे अपने दो पसंदीदा मैदानों मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम और चेन्नई के चेपाक स्टेडियम पर मुंबई इंडियंस की अगुआई नहीं कर सके।
ऑस्ट्रेलिया पर 2-0 से मिली जीत के दौरान ग्रोइन की चोट के शिकार हुए तेंडुलकर ने चेपाक पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहला टेस्ट खेला। इससे उनकी चोट और गंभीर हो गई। वे श्रृंखला में आगे के मैच नहीं खेल पाए।
फिटनेस समस्याओं को छोड़ दिया जाए तो तेंडुलकर इस समय अपने खेल का पूरा लुत्फ उठा रहे हैं। यहाँ बेंगलूर रॉयल चैलेंजर्स के खिलाफ मुंबई इंडियंस के पहले मैच से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने मीडिया के साथ लतीफेबाजी भी की।
उन्होंने यह भी साफ तौर पर कहा है कि क्रिकेट के किसी भी स्वरूप से संन्यास लेने का फिलहाल उनका कोई इरादा नहीं है। लगातार दो हार झेल चुकी मुंबई इंडियंस टीम अपने कप्तान के जन्मदिन पर यही दुआ कर रही होगी कि वे जल्दी मैदान पर उतरें और उन्हें नाकामी के इस दौर से निजात दिलाएँ।