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प्रसार भारती को हुआ नुकसान

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नई दिल्ली (वार्ता) , रविवार, 3 जून 2007 (11:47 IST)
प्रसार भारती निगम ने 2004 में एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और टेस्ट श्रृंखला के प्रसारण के लिए विपणन की समुचित रणनीति के बिना ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से समझौता कर लिया, जिससे उसे भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार प्रसार भारती ने बीसीसीआई को अक्टूबर से दिसंबर 2004 तक इन मैचों के प्रसारण के लिए 79 करोड 51 लाख रुपए अदा किए, लेकिन उसे 69 करोड़ 53 लाख रुपए की ही आमदनी हो सकी और नौ करोड़ 98 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा।

प्रसार भारती ने कुछ एजेंसियों से बहुत ही कम दर में विज्ञापन लिए। टेस्ट मैचों के लिए अनुमानित दर 50 हजार रुपए प्रति 10 सेकंड थी, जबकि कई मामलों में सिर्फ आठ हजार रुपए लिए गए।

इसी तरह एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए अनुमानित दर एक लाख 50 हजार रुपए प्रति 10 सेकंड थी, जबकि सिर्फ 18 हजार रुपए लिए गए। विज्ञापन अगर अनुमानित दर पर दिए जाते तो प्रसार भारती को 121 करोड़ 12 लाख रुपए की आमदनी होती। उसने कुछ एजेंसियों से इतनी कम दर पर विज्ञापन लेने की कोई वजह नहीं बताई है।

प्रसार भारती ने दलील दी कि ये अनुमानित दरें 2004 से 2008 तक प्रसारण अधिकार के लिए बोली लगाने के वास्ते थीं, इसलिए इनका इस्तेमाल घाटे के हिसाब किताब के लिए नहीं किया जा सकता। लेकिन सी ए जी ने उसकी इस दलील को मानने से इनकार कर दिया।

सीएजी ने कहा कि ये दरें यूँ ही नहीं थीं। वास्तव में प्रसार भारती ने कई मामलों में इसी दर से विज्ञापन लिए। उसने कहा कि वैसे भी बोली की रकम तय करते समय प्रसार भारती को अनुमानित न्यूनतम आमदनी को ध्यान में रखना चाहिए था। उसे बढ़ाचढ़ा कर लगाए गए अनुमानों के आधार पर बोली नहीं लगानी चाहिए थी।

प्रसार भारती ने कहा कि उसे ये अधिकार जल्दीबाजी में रातोंरात खरीदने पड़े थे, जिस वजह से सही ढंग से मार्केटिंग का मौका नहीं मिला। इस पर सीएजी ने कहा कि उसे मीडिया अधिकार ग्रहण और विपणन की रणनीतियों को दुरुस्त करना चाहिए।

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