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राहुल द्रविड़ को स्पॉ‍ट फिक्सिंग प्रकरण पर गुस्सा आया

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हमें फॉलो करें राहुल द्रविड़ को स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण पर गुस्सा आया
नई दिल्ली , सोमवार, 5 अगस्त 2013 (21:56 IST)
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नई दिल्ली। पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने हाल में स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण और इसके फलस्वरूप आए नतीजों पर आज गुस्सा व्यक्त करते हुए कहा कि क्रिकेट की विश्वसनीयता बरकरार रखना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है और ऐसा नहीं होने पर क्रिकेटर अपने प्रशंसकों का सम्मान खो सकते हैं।

आईपीएल के छठे सत्र में स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण के सामने आने के बाद बीसीसीआई की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे थे।

इस प्रकरण के कारण एन श्रीनिवासन को बीसीसीआई अध्यक्ष पद से किनारा करना पड़ा। यहां तक कि बम्बई उच्च न्यायालय ने बोर्ड द्वारा इस प्रकरण की जांच के लिए गठित दो सदस्यीय पैनल की जांच को ‘गैरकानूनी और असंवैधानिक’ करार दे दिया। द्रविड़ ने ‘ईएसपीएन क्रिकइंफो’ से कहा इस तरह की चीजों से मदद नहीं मिलेगी, जब हम अखबारों के पिछले पन्नों के बजाय पहले पन्नों की सुखिर्यों में हैं।

उन्होंने कहा काफी सारे प्रशंसक और काफी सारे लोग हैं, जो इस खेल का बहुत सम्मान करते हैं और इन प्रशंसकों की वजह से ही हम क्रिकेटर के तौर पर यहां पर मौजूद हैं। प्रशासक भी यहां प्रशसंकों और क्रिकटरों की वजह से ही हैं इसलिए खेल या बोर्ड या यहां तक कि सरकार की विश्वसनीयता भी महत्वपूर्ण है, भले ही आप कुछ भी करो। अगर आपकी जिंदगी सार्वजनिक है तो यह काफी अहम है।

द्रविड़ ने कहा इससे क्रिकेटरों के प्रति सम्मान और प्यार कुछ कम हो सकता है और मुझे लगता है कि अगर यह होना है तो देश में क्रिकेट के लिए यह सचमुच बहुत दुख:द है। एक अन्य पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने कहा कि प्रशासक इस तरह के संकट में उचित रूप से प्रतिक्रिया नहीं देते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि प्रशंसक कभी भी इस खेल से मुंह नहीं फेरेंगे, भले ही कुछ भी हो जाए।

मांजरेकर ने कहा जब मैच फिक्सिंग की बात 1999-2000 में भारतीय क्रिकेट में सामने आई थी, जब कुछ शीर्ष भारतीय क्रिकेटर प्रतिबंधित किए गए थे, लोगों ने सोचा कि भारतीय क्रिकेट पर विश्वसनीयता का करारा झटका लगेगा और इसके बाद यह निचले स्तर पर पहुंच जाएगा।

उन्होंने कहा मुझे याद है, इस घटना के तुरंत बाद भारत चैम्पियंस लीग में खेलने गया था और वहां स्टेडियम की प्रत्येक सीट भर गई थी, इसलिए मुझे लगता है कि कहीं न कहीं प्रशासक जानते हैं कि इन सबके बावजूद लोग इस खेल के प्रति जुनूनी बने रहेंगे।

मांजरेकर ने कहा कहीं न कहीं प्रशासकों को लगता है कि वे इससे बच सकते हैं और मुझे लगता है कि इससे भारतीय क्रिकेट के प्रबंधन पर दबाव बनाने में मदद नहीं मिलती लेकिन उन्होंने यह भी कहा मुझे लगता है कि भारतीय प्रशंसकों ने बिना किसी शर्त के क्रिकेट से प्यार किया है लेकिन लंबे समय तक प्रशासक या बीसीसीआई इसका फायदा नहीं उठा सकते। (भाषा)

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