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वेस्टइंडीज में सुलह के आसार कम ही

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मियामी (वार्ता) , मंगलवार, 14 जुलाई 2009 (12:31 IST)
वेस्टइंडीज के प्रमुख खिलाड़ियों और क्रिकेट बोर्ड के बीच अनुबंध की माँग को लेकर जारी विवाद नहीं थम पाने से भविष्य में होने वाले मैचों के लिए भी दोयम दर्जे की कैरेबियाई टीम को ही उतारे जाने की आशंका बढ़ गई है।

कैरेबियाई टीम के 13 प्रमुख खिलाड़ियों ने अनुबंध और वेतन को लेकर वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआईसीबी) के साथ जारी विवाद के कारण बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला का बहिष्कार कर दिया है।

कप्तान क्रिस गेल और टीम के प्रमुख बल्लेबाज रामनरेश सरवन तथा शिवनारायण चंद्रपाल ने धमकी दी है कि जब तक अनुबंध संबंधी मुद्दों को नहीं सुलझाया जाता है, तब तक वे नहीं खेलेंगे। यही वजह है कि वेस्टइंडीज को बांग्लादेश के खिलाफ किंग्सटाउन में जारी पहले क्रिकेट टेस्ट में दोयम दर्जे की टीम उतारनी पड़ी है।

डब्ल्यूआईसीबी की पिछले सप्ताहांत सेंट विंसेंट में हुई बैठक के बाद जारी बयान में टीम के मौजूदा खिलाड़ियों का समर्थन करते हुए उन्हें आश्वासन दिया गया था कि सितंबर में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए हड़ताली खिलाड़ियों के बजाय उन्हें ही प्राथमिकता दी जाएगी।

बोर्ड ने कहा कि सितंबर-अक्टूबर में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए बांग्लादेश के खिलाफ खेल रही टीम और इस सिरीज में लिए उपलब्ध नहीं हो सके खिलाड़ियों में से ही टीम का चयन किया जाएगा। साथ ही इन खिलाड़ियों को 29 अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची में शामिल करने का भी आश्वासन दिया गया है।

डब्ल्यूआईसीबी और वेस्टइंडीज प्लेयर्स एसोसिएशन (डब्ल्यूआईपीए) के प्रतिनिधियों के बीच पिछले सप्ताह हुई बैठक बेनतीजा रही थी। डब्ल्यूआईपीए के सचिव और पूर्व टेस्ट खिलाड़ी जिमी एडम्स ने कहा कि बोर्ड को खिलाड़ियों के साथ मुद्दों को सुलझाने के लिए अपने तरीके में बदलाव लाना होगा।

एडम्स ने 'जमैका आब्जर्वर' से कहा कि हमारे हाथ में कुछ नहीं है। खिलाड़ियों ने अनुबंध का मुद्दा सुलझाए बगैर खेलने से साफ-साफ इनकार कर दिया है। बोर्ड खिलाड़ियों से कोई चर्चा किए बगैर दौरे से दो सप्ताह पहले उनसे अनुबंध पर हस्ताक्षर करवाता है। हम चाहते हैं कि कम से कम इस मुद्दे पर चर्चा हो। अनुबंध की कुछ शर्तें ऐसी हैं, जिन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता। बोर्ड कुछ विवादित मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है और उसके लिए खिलाड़ियों को जिम्मेदार ठहरा रहा है, ऐसा नहीं चलेगा।

उधर डब्ल्यूआईसीबी के अध्यक्ष जूलियन हंटे ने कहा कि वे इस विवाद को हल करना चाहते हैं लेकिन इसके लिए डब्ल्यूआईपीए को अपना रवैया बदलना पडे़गा। उन्होंने कहा हम डब्ल्यूआईपीए के साथ बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन मौजूदा सिरीज के बीच में ऐसा करना संभव नहीं है।

हंटे के अनुसार खिलाड़ी सिरीज से ऐन पहले व्यस्त समय में बातचीत करना चाहते हैं। यह अच्छा नहीं है और हम इसे रोकना चाहते हैं। उन्होंने कहा इससे वेस्टइंडीज में क्रिकेट का नुकसान हो रहा है, इसलिए दौरों से पहले और दौरों के बीच में उठने वाली ऐसी समस्या को जड़ से समाप्त करना होगा।

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