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68 वर्ष की उम्र तक क्रिकेट खेले थे सीके नायडू

(31 अक्टूबर को जंयतील पर विशेष)

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इन्दौर , सोमवार, 31 अक्टूबर 2011 (00:34 IST)
आजादी से पहले भारतीय क्रिकेट टीम के पहले कप्तान रहे कोट्टारी कनकैया नायडू एक ऐसे अद्भुत खिलाडी थे जिन्होंने 68 वर्ष की उम्र तक भी क्रिकेट खेली जो आज के खिलाड़ियों के लिए एक बडी चुनौती है। कर्नल सीके नायडू की 31 अक्टूबर को जंयती है।

31 अक्टूबर 1895 को नागपुर में जन्मे नायडू उस उम्र तक क्रिकेट खेले थे जिसके बारे में सोचना भी आज के खिलाड़ियों के लिए दिवास्वप्न है। नायडू की उस समय की फिटनेस आज के उन खिलाड़ियों के लिए एक सबक है जो दूसरे तीसरे मैच के बाद चोटिल हो जाते हैं।

नायडू 1923 में होल्कर महाराज के आमंत्रण पर इन्दौर आए थे और फिर ताउम्र इन्दौर के ही होकर रह गए। होल्कर महाराज ने उनकी कद काठी को देखते हुए उन्हें अपनी सेना में कैप्टन बनाया और यहीं से वह कर्नल सीके नायडू बन गए।

1926-27 में मुम्बई के जिमखाना मैदान पर हिन्दुस्तानी टीम के लिए उनकी आखिरी पारी पर उन्हें चाँदी का बल्ला भी भेंट किया गया था। इस मैच में उन्होंने 116 मिनट में 153 रन बनाए थे जिनमें 11 छक्के शामिल थे।

क्रिकेट जब अभिजात्य और राजा महाराजाओं का खेल हुआ करता था तब उन्हें इग्लैंड जा रही भारतीय टीम का कप्तान बनाया जाना एक प्रसंग ही था। वर्ष 1932 में उस टीम के कप्तान पोरबंदर महाराज थे लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वह नहीं जा पाए और फिर कर्नल सीके नायडू को भारतीय टीम का पहला कप्तान बनने का गौरव प्राप्त हो गया।

इस तरह इन्दौर का एक खिलाडी भारतीय टीम का उस समय कप्तान बन गया जब देश आजाद भी नही हुआ था और न ही क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड हुआ करता था।

भारतीय स्वाभिमान के प्रतीक कर्नल नायडू पहले ऐसे कप्तान थे जिन्होंने तीन स्लिप और दो गली के साथ मैच की शुरुआत की थी। हालांकि उनके इस प्रयोग की आलोचना भी हुई थी। प्रसिद्ध क्रिकेट लेखक प्रोफेसर सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी ने उनके जन्म शताब्दी वर्ष 1995 में उनके ऊपर एक किताब भारत के महान खिलाडी सीके नायडू लिखी थी।

बताया जाता है कि 37 साल की उम्र में जब आज खिलाडी रिटायर होने लगते है तब नायडू ने टेस्ट मैंच खेलना शुरू किया था। वह 68 साल तक फिट रहकर खेल खेलते रहे थे। उनका देहांत इन्दौर में ही 14 नवम्बर 1967 को हुआ था। (वार्ता)

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