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कहते हैं प्रेम दिल से होता है...

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कहते हैं प्रेम दिल से होता है लेकिन विज्ञान ने ये साबित कर दिखाया है कि प्रेम मस्तिष्क की एक अवस्था का नाम है। जिस प्रकार हम किसी मादक पदार्थ या किसी दवाई के आदी हो जाते हैं और उसके न मिलने पर शरीर के हार्मोनिल स्त्रावों में परिवर्तन होने लगते हैं, ठीक उसी प्रकार प्रेम की अवस्था में भी हमारे शरीर में कुछ हार्मोनिल परिवर्तन होते हैं। नीचे प्रेम से जुड़े कुछ पहलू बताए गए हैं जिन पर किसी प्रेमी का ध्यान न गया होगा लेकिन वैज्ञानिकों का जरूर गया है।

प्रेम का नशा
प्रेम एक तरह का नशा है, यह हो जाए, तो एक-दूसरे के बिना जीना दुश्वार हो जाता है। प्रेम में पड़ने पर दिमाग की क्रियाओं में कुछ बदलाव आ जाता है। मस्तिष्क में डोपामाइन का स्त्राव बढ़ जाता है, जो बहुत सुखद अहसास कराता है। यह डोपामाइन ही है, जो प्रेम को नशीला बना देता है और इंसान को उसका आदी।

प्रेम की महक
खुशबू की तरह प्रेम को छिपाया नहीं जा सकता। प्रेमिका अपने प्रेमी के बदन की खुशबू को बखूबी पहचानती हैं। हर व्यक्ति के बदन की खुशबू उसके जींस पर निर्भर करती है। खुशबू सेक्स हारमोन फेरोमोन्स का उत्पाद है। ओव्यूलेशन की क्रिया के दौरान महिलाओं के सूँघने की शक्ति गजब की हो जाती है। तब प्रेमिका को अपने प्रेमी की गंध बहुत आकर्षित करती है। विशेष देह गंध इस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ा कर सेक्स की इच्छा में इजाफा कर देती है।

दिल तो पागल है- विज्ञान ने झुठला दिया
लोग कहते हैं कि आदमी प्रेम के पड़ने के बाद बौरा जाते है, पर वह पहले की अपेक्षा ज्यादा समझदार हो जाते हैं। एक-दूसरे के करीब रहने की यह भावना मस्तिष्क की स्थिरता और बुद्धि दोनों को बढ़ा देती है।

प्रेम दिल से ही होता है
प्रेम के पवित्र बंधन में बँधने के बाद आपके स्वास्थ्य में भी सुधार होगा। प्रेम करने वाले लोग उन लोगों के मुकाबले शारीरिक रूप से ज्यादा स्वस्थ और खुश रहते हैं, जो अविवाहित और प्रेम से अनजान हैं। प्रेमपूर्ण संबंध हृदय रोग के खतरों को भी कम कर देता है।

प्रेम सुखद है
प्रेममय जीवन से मिलने वाला सुख का कोई पैमाना नहीं है। अच्छा प्रेमी पाना और 1 लाख डॉलर अतिरिक्त कमाना एक ही बात है। इसका मतलब यह है कि प्यार में आप कितने अमीर हैं।

प्रेम जनमों का नाता है
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जब प्रेमी अपनी प्रेमिका को सीने से लगता हैं, तो उनके हारमोन का स्तर तेजी से बढ़ता है और गुस्सा दिलाने वाले हारमोन में कमी आ जाती है। इसके साथ ही इससे जुड़े हारमोन जैसे ऑक्सीटोसिन और वासएप्रिसिन का स्त्राव भी बढ़ जाता है। ये हारमोन आपको रिश्ते में निकटता की भावना बढ़ाते हैं।

प्रेम में संतुष्टि है
प्यार की कोई जुबान नही होती है, जब प्रेमी-प्रेमिका एक दूसरे को प्यार करते हैं, अपनी परवाह दिखाते हैं, तब हारमोन में परिवर्तन के कारण अवसाद नहीं होता और उदास करने वाले कारण दूर रहते हैं। इस काम के लिए जरूरी नहीं कि आप अलग से समय निकालें। प्यार-दुलार के लिए 5 मिनट भी पर्याप्त हैं। यह 5 मिनट का प्यार सेरोटोनिन और ऑक्सीटोन हारमोन को बढ़ाता है, जो खुशी का दोस्त है।

प्रेम युवा बनाता है
प्रेम को हमेशा साथ रखेंगे, तो यह आपको जीवन के हर आनंद के लिए प्रेरित करेगा। एक अध्ययन के मुताबिक पाया गया कि सप्ताह में चार से पांच बार सेक्स करने वाले सप्ताह में दो बार सेक्स करनेवालों की अपेक्षा ज्यादा स्वस्थ रहते हैं। उनका मानना है कि चरम के समय स्त्रावित होनेवाले टेस्टोस्टेरॉन से पुरुष बलशाली होते हैं। इसी तरह इस्ट्रोजन महिलाओं की त्वचा और बालों की चमक को बढ़ाता है। अर्थात दोनों ही चीजें युवा होने की परिचायक है।

प्रेम दोस्ती है
संभव है आपके प्रेमी इस बात को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार ना करें, लेकिन आपका दोस्ताना साथ उनको बहुत भाता है। और साथ ही सेक्स की भावना को जगाता है और आपके साथी को उत्तेजित करने में सहायता करता है।

प्रेम संजीवनी है
प्रेम दुआ के साथ दवा भी है। प्रेम के बिलकुल निजी और अंतरंग क्षणों में शरीर 200 प्रतिशत ज्यादा एंड्रोफिंस (यह ऐसा रसायन है, जो शरीर को हल्का महसूस कराता है और व्यक्ति को आंतरिक खुशी का अहसास देता है) बनाता है। सेक्स की क्रियाओं के दौरान एड्रेलिन स्त्रावित होता है, जो सर्दियों के दिनों में जुकाम से बचाता है। कुछ स्त्राव ऐसे भी होते हैं, जिनसे सिर दर्द ठीक होता है और अवसाद से तुरंत छुटकारा मिलता है। यदि सेक्स का अनुभव आनंददायक हो, तो गुस्सैल व्यक्ति भी शांत होने लगता है।

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