आतंक का पर्याय और 1993 में मुंबई में हुए धमाके का मुख्य आरोपी अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भारत के मोस्ट वांटेट आतंकवादियों की सूची में पहले नंबर पर है और विश्व के सबसे खूंखार आतंकवादियों की सूची में तीसरे नंबर पर है। कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ाने में भी दाऊद की सक्रियता मानी जाती है। दाऊद आज भी पाकिस्तान में रहकर भारत में अपने नापाक इरादों को अंजाम दे रहा है।
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दाऊद इब्राहिम का जन्म 27 दिसंबर 1955, महाराष्ट्र में रत्नागिरी जिले के मुमका में एक पुलिस कांस्टेबल के यहां हुआ। दाऊद और पाकिस्तानी सरकार दोनों एक-दूसरे के सहयोगी थे। एक तरफ आईएसआई ड्रग्स तथा अन्य मादक पदार्थों की तस्करी का कारोबार करता था, उसके बदले में दाऊद पाकिस्तान सरकार की तरफ से उस पाकिस्तानी कोर ग्रुप का हिस्सा था जो विदेशों में आंतकवाद के खिलाफ जंग करता था।
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दाऊद इब्राहिम अंडरवर्ल्ड में 1984 में आया। इससे पहले वो डोंगरी इलाके में चोरी, डकैती, लूटपाट इत्यादी करता था। उसी दौरान पठान बासु दादा के गैंग ने उसके बड़े भाई की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद वह पठान के पीछे पड़ गया और हाज़ी मस्तान की गैंग में शामिल हो गया।
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दाऊद इब्राहिम का पूरा नाम दाऊद इब्राहिम कसकर है। उसने 1985 में डोंगरी पुलिस के इशारे पर पठान को मारा। उस समय पठान पूरे इलाके में होटलों, व्यवसाइयों, पत्रकारों के साथ-साथ पुलिस को भी परेशान कर रखा था। पठान के आदमियों ने दाऊद के दोस्त एवं पत्रकार मोहम्मद इकबाल नातिक को रिपोर्टिंग करते समय धमकाया और मारा था जिससे दाऊद गुस्से में था।
आगे पढ़ें, दाऊद के पसंदीदा हथियार...
1985
में मुंबई में हाज़ी मस्तान के बाद दाऊद का प्रभाव बढ़ा और उसने हथियारों को विदेशों से खरीदने का काम शुरू किया।उस समय उसका पसंदीदा हथियार तलवारें, चाकू तथा देशी रिवॉल्वर तमंचा शामिल है, जो रामपुर में बनाया जाता था। इसके बाद उसने एके 56ए तथा एके 47 का प्रयोग शुरू कर दिया।
अगले पन्ने पर, अमेरिकी आतंकवादी रोधी दस्ते का हिस्सा...
दाऊद अमेरिका के नेतृत्व वाली आंतकवाद रोधी दस्ते का पाकिस्तान सरकार की तरफ से हिस्सा रह चुका है। इसके लिए अमेरिका, पाकिस्तान में फंड मुहैया कराती थी। दाऊद इब्राहिम का नाम पाकिस्तानी मिसाइल वैज्ञानिक अयूब खान के साथ भी जोड़ा गया था। माना जाता है कि नॉर्थ कोरिया से मिसाइल मंगाने में दाऊद ने अयूब खान का साथ दिया था।
अगले पन्ने पर, भारत में नेता बनना चाहता है दाऊद...
दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान सेंट्रल बैंक द्वारा दिए गए डॉलर में लोन को नहीं चुका पाया था, जिसके कारण बैंक ने उसका नाम डिफॉल्टर की लिस्ट में डाल दिया। दाऊद की इच्छा है कि वह भारत में आकर राजनीति में अपना भाग्य आजमाए तथा अबु सलेम के वकील की पार्टी को अपने साथ शामिल करना चाहता है। दाऊद भारतीय ससंद में हथियारों के दम पर सभी तरह के बिल पास कराना चाहता है।
अगले पन्ने पर बॉलीवुड में दाऊद का पैसा...
2001
में बनी बॉलीवुड की फिल्म 'चोरी-चोरी चुपके-चुपके' में दाऊद ने शकील की मदद से पैसे लगाए थे। जांच के बाद सीबीआई ने फिल्म के प्वांइट कम कर दिए थे। इस पूरे प्रकरण को 'द भरत शाह केस' के नाम से जाना जाता है।
अगले पन्ने पर, पाकिस्तान में क्या है दाऊद की दिनचर्या...
उसके रोजाना का शेड्यूल है, दोपहर के 12 बजे सोकर उठना। 1.30
बजे ब्रेकफास्ट करना। उसके बाद कार्यों की समीक्षा कर अपने आदमियों को नए कार्यों में लगाना और समझाना। दाऊद को ब्लैक लेबल की शराब बहुत पसंद है।
अगले पन्ने पर, कुंवारी लड़कियां क्यों पसंद है दाऊद को...
दाऊद की सबसे ज्यादा रुचि महिलाओं में होती है जिनकी व्यवस्था स्थानीय दलाल करते हैं। वह हमेशा ही अलग-अलग तरह की लड़कियां पसंद करता है जिसके लिए वह भारी कीमत भी देता है। उसकी सबसे ज्यादा रुचि कम उम्र की कुंवारी लड़कियों में होती है जिसके लिए वह पांच लाख रुपए तक खर्च कर सकता है। दाऊद सबसे ज्यादा समय पाकिस्तान में बिताता है, इसलिए वो सबसे ज्यादा पाकिस्तान के पिछड़े इलाकों में रह रही सुंदर और 15 साल से ज्यादा उम्र की लड़कियां पसंद करता है। बॉलीवुड में आई नई लड़कियां उसके बुलावे पर जाती हैं और उसका मनोरंजन करती हैं।
अगले पन्ने पर, सबसे अंत में खाना क्यों खाता है दाऊद...
दाऊद लोगों से मिलते समय जितना विनम्र दिखता है उतना ही उदार भी रहता है। वह अपने अतिथियों तथा आदमियों के साथ खाना खाते समय सबसे अंत में खाना शुरू करता है। इसे दाऊद की उदारता कहें या शंका, लेकिन इससे दाऊद का उजला पक्ष सामने आता है।
अगले पन्ने पर, दाऊद के घर से कोई खाली हाथ नहीं लौटता...
अगर कोई उससे पैसे मांगता है तो वो यह नहीं पूछता की क्यों और कितना चाहिए। वह हमेशा ही इस मामले में नि:स्वार्थ रहता है। हर किसी की मदद के लिए वह तैयार रहता है। दाऊद सबसे ज्यादा मदद पाकिस्तान एमक्यूएम संगठन से जुड़े लोगों को तथा आसपास के क्षेत्र के लोगों को करता है।
अगले पन्ने, धंधे में भेदभाव नहीं करता दाऊद...
दाऊद अपने धंधे और कामकाज में मुस्लिम तथा हिन्दुओं में भेदभाव नहीं करता। वह सभी को एक समान रूप से अपने यहां कार्य पर रखता है। उसकी योजनाएं और आपराधिक साम्राज्य के बढ़ने का एक कारण यह भी है।
अगले पन्ने पर, सरकारी आदेश पर दाऊद से मुलाकात...
पाकिस्तान में नए अंडरकवर एंजेट सबसे पहले आकर दाऊद से मिलते हैं क्योंकि उन्हें सरकारी आदेश होता है। पाकिस्तान के एमक्यूएम संगठन के ज्यादा सदस्य उसकी सुरक्षा में रहते हैं। उनकी कोई भी समस्या हो तो वह सरकार के पास न जाकर दाऊद के पास जाते हैं जिससे उनके रहने, पैसे तथा सुरक्षा की व्यवस्था दाऊद ही करता है।
अगले पन्ने पर, दाऊद का बॉलीवुड कनेक्शन...
बॉलीवुड कलाकारों के साथ दाऊद इब्राहिम के काफी अच्छे संबंध हैं। 'राम तेरी गंगा मैली हो गई' फिल्म की हीरोइन मंदाकिनी से लंबे समय तक दाऊद के संबंध रहे। बॉलीवुड हीरोइन इलियाना से भी दाऊद के संबंध रहे हैं। फिल्म 'कहो ना प्यार है', के लाभ में हिस्सा नहीं मिलने के कारण दाऊद के आदमियों ने फिल्म के निर्देशक राकेश रोशन पर हमला कर दिया था।