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अमरसिंह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार

सोनिया पर टेलीफोन टैपिंग के आरोप का मामला

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हमें फॉलो करें अमर सिंह
नई दिल्ली , बुधवार, 9 फ़रवरी 2011 (22:48 IST)
पूर्व सपा नेता अमरसिंह को बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने फटकार लगाई। न्यायालय ने फोन टैपिंग को लेकर कांग्रेस और उसकी अध्यक्ष सोनिया गाँधी के खिलाफ याचिका दायर करने और बदली परिस्थितियों में इसे अब वापस लेने की इच्छा रखने को लेकर सिंह की खिंचाई की।

समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता की व्यक्तिगत जानकारी को ‘संदिग्ध’ बताते हुए न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने उनके बदले रुख पर नाखुशी जताई। सिंह केंद्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाने के चार साल बाद अपने रुख से पलटते दिख रहे हैं।

न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एके गांगुली की पीठ ने कहा कि अपने संशोधित हलफनामे के मद्देनजर आप हमें बताएँ कि आप कैसे राजनीतिक दल के खिलाफ आरोपों की पुष्टि करेंगे। पीठ ने पूछा कि अदालत आपके हलफनामे का शिकार है।

पीठ ने कहा कि जब न्यायालय आपसे अपनी बातों को ठीक-ठीक बताने को कह रही है तो आप अपनी बातों का बड़ा हिस्सा वापस ले रहे हैं। पीठ ने सिंह से जानना चाहा कि वह क्यों एक खास प्रतिवादी के खिलाफ आरोपों को वापस लेना चाहते हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सिंह की तरफ से जवाब दिया कि आरोपों को बदली परिस्थितियों के कारण वापस लिया गया है, जो व्यक्तिगत जानकारी पर आधारित हैं।

उल्लेखनीय है कि सिंह ने 2006 में अपने फोन टैप किए जाने के मामले में कांग्रेस और पार्टी प्रमुख सोनिया गाँधी के खिलाफ लगाए आरोप वापस लेने की माँग की है। सिंह ने न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एके गांगुली की पीठ को बताया कि उन्होंने फोन टैपिंग मामले में अपनी याचिका में सोनिया के खिलाफ जो आरोप लगाए थे, वे उन्हें वापस ले रहे हैं।

सिंघवी ने कहा कि याचिकाकर्ता ने 2006 में व्यक्तिगत जानकारी के आधार आरोप लगाए थे कि कांग्रेस पार्टी समेत राजनीतिक प्रतिद्वंदी उनके फोन टैप करने के पीछे हैं। इस पर पीठ ने कहा कि जब आप व्यक्तिगत जानकारी कहते हैं, तो इसका मतलब ऐसी जानकारी से होता है, जो आपको व्यक्तिगत तौर पर मालूम हो और यह समय के साथ बदल नहीं सकती।

न्यायालय ने कहा कि अगर वह आपकी व्यक्तिगत जानकारी थी, तो उसे आप खुद नहीं काट सकते। पीठ ने इस बात पर भी जोर दिया कि आपकी व्यक्तिगत जानकारी संदेहास्पद है और आपके हलफनामे ने अदालत का समय बर्बाद किया है। रुख बदलने पर सिंह की खिंचाई करते हुए पीठ ने कहा कि अदालत ने आपके मामले की सुनवाई शुरू की। कई साल बीत चुके हैं और आपके कथनों के आधार पर आपके मामले के लिए कई घंटे समर्पित किए गए। हम केवल उन्हीं पर भरोसा करते हैं।

पीठ ने सिंघवी को कई बार याचिका का वह हिस्सा पढ़ने को कहा, जिसमें सिंह ने कांग्रेस पार्टी और उसकी अध्यक्ष के खिलाफ आरोप लगाए थे। इस दौरान सिंघवी कुछ परेशान से दिखे। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि याचिका में आपने कहा कि सत्ताधारी दल अपने अधिकार का दुरुपयोग कर रहा है, पर अब पता चल रहा है कि सब कुछ फर्जी है। अदालत ने यह भी पूछा कि इस याचिका पर सुनवाई क्यों की जानी चाहिए।

पीठ ने पूछा कि अदालत को ऐसे व्यक्ति से जुड़ी याचिका पर सुनवाई क्यों करनी चाहिए, जो साफ इरादे से नहीं आया है। (भाषा)

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