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अस्थायी मंदिर के इंतजामों का माँगा हिसाब

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हमें फॉलो करें अयोध्या में विवादित स्थल के इलाहाबाद उच्च न्यायालय विश्व हिन्दू परिषद सूचना का अधिकार आरटीआई कानून
लखनऊ , बुधवार, 29 सितम्बर 2010 (17:31 IST)
अयोध्या में विवादित स्थल के स्वामित्व सम्बन्धी मुकदमे में कल आ रहे इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसले को लेकर चर्चाओं के बीच विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के एक पदाधिकारी ने ‘राम जन्मभूमि परिसर’ में ‘राम लला के पूजन-अर्चन’ के इंतजाम के सम्बन्ध में सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत जानकारी माँगी है।

विहिप के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने आरटीआई के तहत राम जन्मभूमि के रिसीवर तथा फैजाबाद के मंडलायुक्त से पाँच बिंदुओं पर जानकारी माँगी है।

शर्मा ने पूछा है कि रामलला को पहनाए जाने वाले वस्त्रों की व्यवस्था करने का अधिकार मंदिर के पुजारी को है या रिसीवर को। उन्होंने रामलला के वस्त्र सिलने वाले दर्जी का नाम और पता भी पूछा है।

विहिप नेता ने पूछा है क‍ि हैदराबाद के कथित नवाब द्वारा रामलला के मंदिर में लड्डू चढ़ाए जाने के मामले में दोषी व्यक्ति के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?

गौरतलब है कि इस अस्थायी मंदिर में किसी तरह का चढ़ावा चढ़ाने पर पाबंदी है जबकि पिछले दिनों कोई व्यक्ति स्वयं को हैदराबाद का नवाब बताते हुए वहाँ लड्रडू चढ़ा गया था।

शर्मा ने अस्थायी मंदिर में सेवारत पुजारियों की संख्या के बारे में पूछा है। साथ ही यह भी जानना चाहा है कि उनके लिए कोई आचार संहिता बनाई गई है या नहीं। शर्मा ने पूछा है कि क्या सरकार से वेतन पा रहे पुजारी को मीडिया को राम जन्मभूमि से सम्बन्धित कोई बयान देना चाहिए।

अंत में शर्मा ने श्रद्धालुओं द्वारा इस मंदिर में आए चढ़ावे का वषर्वार ब्यौरा माँगा है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से ऐसी भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं कि रामलला के वस्त्र अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों द्वारा सिले जा रहे हैं। इसकी सचाई का पता लगाने के लिए आरटीआई के तहत यह सूचना माँगी गई है। (भाषा)

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