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आतंक के खिलाफ भारत-अफगान एकजुट

विदेश सचिव मेनन ने की करजई से मुलाकात

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हमें फॉलो करें शिवशंकर मेनन भारतीय दूतावास अफगानिस्तान हामिद करजई
काबुल (भाषा) , रविवार, 13 जुलाई 2008 (23:30 IST)
अफगानिस्तान में भारतीय संपत्तियों पर बढ़ रहे खतरे की वजह से उपजी चिंताओं के बीच दोनों देश रविवार को आतंकवादी ठिकानों और उन्हें वित्तीय मदद पहुँचाने वालों को निशाना बनाने के पक्ष में दिखे, ताकि इस क्षेत्र से इस समस्या का सफाया किया जा सके।

देश के दूतावास पर हुए आत्मघाती हमले के चलते भारतीय अभियानों और कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने यहाँ दो दिन की यात्रा पर आए विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई से बातचीत की।

तीस मिनट लंबी चली बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा की। मेनन को विदेशमंत्री रंगीन दादफर स्पांता ने भरोसा दिलाया कि देश में भारतीय संपत्तियों की हिफाजत के लिए अफगानिस्तान सरकार हरसंभव कोशिश करेगी।

अफगानिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सुल्तान अहमद बहीन ने कहा दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि आंतकवाद दोनों देशों के स्थायित्व और लोकतंत्र के लिए खतरा है।

करजई और मेनन का यह मत था कि अफगानिस्तान में दिख रहे आतंकवाद के लक्षणों का मुकाबला करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि आतंकवादियों के ठिकानों, उनके भर्ती करने के स्थानों और वित्तीय मदद करने वालों को खत्म कर इस खतरे को समाप्त किया जाना चाहिए।

भारतीय दूतावास पर हुए हालिया हमले में 58 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें सेना के एक ब्रिगेडियर और भारतीय विदेश सेवा के एक बरिष्ठ अधिकारी सहित चार भारतीय मारे गए थे।

बहीन ने कहा दूतावास पर हुए हमले के बारे में दोनों पक्षों ने यह महसूस किया कि इसके लिए भारत-अफगानिस्तान के संबंधों के प्रति बुरे विचार रखने वाले दुश्मन जिम्मेदार हैं।

प्रवक्ता ने अफगानिस्तान और भारत सरकार ने इस हमले के लिए पाकिस्तान की आईएसआई को दोषी ठहराया है।

मेनन ने हमले के बाद अफगानिस्तान सरकार और वहाँ की जनता द्वारा दर्शाई गई हमदर्दी की भी तारीफ की और अफगानिस्तान का पुनर्निर्माण कार्य जारी रखने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।

भारतीय दूतावास पर आत्मघाती हमले में मारे गए लोगों की याद में कार्यक्रम रखा गया, जिसमें अफगानिस्तानी विदेश मंत्री भी मौजूद थे।

गत सोमवार को हुए हमले और विशेषकर इस खुफिया जानकारी के बाद तालिबान की कंधार और जललाबाद स्थित वाणिज्य दूतावास पर हमला करने की योजना है, भारत में इस मसले को लेकर चिंताएँ बढ़ गई थीं।

मेनन की यह यात्रा उस दिन हुई है जब भारतीय दूतावास ने फिर से वीजा जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। मेनन अफगानिस्तानी शासन के साथ तालिबान और उसके मार्गदर्शक आईएसआई के खतरों को बेअसर करने को लेकर भी चर्चा करेंगे।

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