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करार भारत विरोधी-मुस्लिम संगठन

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हमें फॉलो करें परमाणु करार भारत अमेरिका मुसलमान
नई दिल्ली (भाषा) , मंगलवार, 8 जुलाई 2008 (23:10 IST)
विभिन्न मुस्लिम संगठनों ने भारत-अमेरिका परमाणु करार की सख्त आलोचना करते हुए इसे 'देश विरोधी' बताया और कहा कि वे इसका पुरजोर विरोध करेंगे।

पाँच मुस्लिम संगठनों ने करार की निंदा करते हुए कहा कि इसका प्रयास भारत और अमेरिका के बीच सामरिक गठजोड़ स्थापित करना है। यह संबंध भारत की संप्रभुता और स्वतंत्र विदेश नीति के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।

भारत अमेरिका परमाणु करार और राष्ट्रीय हित विषयक एक बैठक में संगठनों ने कहा कि करार का जोरदार विरोध करने के लिए वे आंदोलन शुरू करेंगे।

आल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत के अध्यक्ष जफरूल इस्लाम खान ने कहा कि करार का उद्देश्य अमेरिका के साथ वृहद सामरिक गठजोड़ बनाना है। इससे भारत अमेरिकी साम्राज्यवाद के अधीन हो जाएगा। यह करार किसी खास समुदाय या धार्मिक समूह के खिलाफ नहीं है बल्कि इससे पूरे देश के हितों को खतरा है।

खान ने कहा कि परमाणु ऊर्जा से देश की ऊर्जा जरूरतें पूरी नहीं होंगी। इससे देश दासता की ओर बढ़ेगा।

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